सारनाथ स्थित प्रमुख स्मारक चौखंड स्तूप है, जो सारनाथ से ८०० मीटर दक्षिण-पश्चिम में ऊंची ईंटों से बना है। ये महत्त्वपूर्ण बौद्ध स्तूप है और वाराणसी से १३ कि.मी दूर स्थित है।[1] इसका वर्णन चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी किया था। इस स्तूप का आकार चौकोर है। कुर्सी के आकार पर क्रमशः घटती हुई तीन मंजिलें ठोस ईंटों से बनाई गई हैं, इसलिए इसे चौखंडी स्तूप कहते हैं। इस स्तूप में ईंट और रोड़ी का बड़ी मात्रा में उपयोग किया गया है। यह विशाल स्तूप चारों ओर से अष्टभुजीय मीनारों से घिरा हुआ है। कहा जाता है यह स्तूप मूल रूप से सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया था।[2] गुप्त काल में यह विशाल स्तूप बन गया था।[3]

चौखंडी स्तूप
Various plinths at the Chaukhandi Stupa
Close up of Chaukhandi Stupa plinth


इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "History of Architecture - Shrines and temples". historyworld.net. मूल से 6 जून 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2006-12-18.
  2. "महात्मा बुद्ध की कर्मभूमि सारनाथ उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थस्थल". मूल से 11 अक्तूबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2010.
  3. ज्ञान का अद्वितीय प्रकाश केंद्र सारनाथ[मृत कड़ियाँ]

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