चौधरी ब्रह्म प्रकाश

भारतीय स्वतंत्रता सेनानी

चौधरी ब्रह्म प्रकाश यादव (1918–1993) भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री थे। वे लोकसभा के सदस्य भी रहे। १९४० में महात्मा गाँधी द्वारा चलाये गये व्यक्तिगत सत्याग्रह आन्दोलन में उन्होने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। १९४२ के भारत छोड़ो आन्दोलन में 'भूमिगत नेताओं' में वे भी थे। स्वतंत्रता संग्राम के समय वे कई बार जेल गये।

चौ. ब्रह्म प्रकाश यादव


मशहूर  : शेर-ए-दिल्ली
कार्यकाल
17 मार्च 1952 – 12 फरवरी 1955
पूर्वा धिकारी नया पद
उत्तरा धिकारी गुरुमुख निहाल सिंह
चुनाव-क्षेत्र पश्चिमोत्तर दिल्ली

जन्म 1918
मृत्यु 1993 (75 साल)
राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
धर्म हिंदू

चौधरी भ्रह्म प्रकाश पश्चिमोत्तर दिल्ली के शकूरपुर से थे। 'शेर–ए-दिल्ली' एवं 'मुगले आज़म' के नाम से मशहूर चौधरी ब्रह्म प्रकश 1952 से 1955 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे। वह केवल 33 साल की उम्र में दिल्ली के मुख्यमंत्री बने और उस समय के सबसे युवा मुख्यमंत्री थे। उन्हें भारत के प्रथम निर्दलीय मुख्यमंत्री बनने का भी गौरव प्राप्त है।बाद में वे सांसद बने तथा केन्द्रीय खाद्य, कृषि, सिंचाई और सहकारिता मंत्री के रूप में उल्लेखनीय कार्य किये। 1977 में उन्होंने पिछड़ी, अनुसूचित जातियों व अल्पसंख्यकों का एक राष्ट्रीय संघ बनाया। राष्ट्र के प्रति उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उनके सम्मान में 11 अगस्त 2001 स्मारक डाक टिकट जारी किया गया।

सन्दर्भ संपादित करें

दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री, यदुवंश गौरव चौधरी ब्रहम प्रकाश यादव जी के 101 वे जन्मदिवस के अवसर पर श्रद्धान्जलि स्वरूप :

चौधरी ब्रह्म प्रकाश एक स्वतंत्रता सेनानी एवं दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री थे । इनका  जन्म 16 जून 1918 को दक्षिणी अफ्रीका की राजधानी नरौबी 
में हुवा था , आजादी आन्दोलन में चौधरी  साहब अनेको बार जेल गए  और देश को आजाद कराने में मुख्य भूमिका अदा की , देश  आजाद होने पर इनके  नेतृत्व में 1952 में  दिल्ली विधान सभा के चुनाव हुए जिसमे इन्हें पूर्ण बहुमत मिला और  मात्र 34 वर्ष की आयु में  ये दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री बने, औरं कार्यकाल 1952-55 तक रहा । चौधरी साहब 4 बार सांसद चुने गए तथा केंद्र में मंत्री भी रहे , इनका जन्मदिन के अवसर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम प्रतिवर्ष 16 जून को दिल्ली विधानसभा में दिल्ली की सरकार द्वारा मनाया जाता है, ऐसे महान पुरुष को शत शत नमन ।