जटिल तंत्र (complex system) ऐसा तंत्र (सिस्टम) होता है जो कई अंगों या भागो का बना हुआ हो जो अपनी गतिविधियों में एक-दूसरे को प्रभावित करते हों। ऐसे तंत्रों में पृथ्वी की वैश्विक जलवायु, मानव मस्तिष्क, सामाजिक और आर्थिक संगठन (जैसे कि नगर और देश), किसी स्थान का पारिस्थितिक तंत्र, जीवों की कोशिकाएँ और पूरा ब्रह्माण्ड शामिल हैं। जटिल तंत्रों को वैज्ञानिक रूप से समझना कठिन रहा है क्योंकि इन तंत्रों के विभिन्न भाग आपस में उलझी हुई गतिविधियाँ करते हैं। जटिल तंत्रों में कुछ विशेष गुण और लक्षण दिखते हैं, जैसे कि अरेखीयता (nonlinearity), उदगमन (emergence), स्वप्रसूत व्यवस्था (spontaneous order), पुनर्भरण (feedback loops)।[1][2]

एक साधारण अकेन्द्रिक कोशिका। यह एक जटिल तंत्र है: इसमें कई भाग होते हैं जिसमें से प्रत्येक की अपनी गतिविधि तो होती ही है, लेकिन उनकी गतिविधियाँ एक-दूसरे की गतिविधियों को भी प्रभावित करती हैं।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Bar-Yam, Yaneer (2002). "General Features of Complex Systems" (PDF). Encyclopedia of Life Support Systems. Encyclopedia of Life Support Systems, UNESCO Publishers, Oxford, UK. मूल (PDF) से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 September 2014.
  2. Gell-Mann, Murray (1995). "Let's Call It Plectics" (PDF). Complexity. 1 (5): 3–5. डीओआइ:10.1002/cplx.6130010502.[मृत कड़ियाँ]