हिन्दू धर्म के महाकाव्य महाभारत में जयद्रथ सिंधु प्रदेश के राजा थे। इनका विवाह कौरवों की एकमात्र बहन दुःशला से हुआ था। जयद्रथ सिंधु नरेश वृद्धक्षत्र के पुत्र थे। वृद्धक्षत्र के यहाँ जयद्रथ का जन्म काफी समय बाद हुआ था और उन्हें साथ ही यह वरदान प्राप्त हुआ कि जयद्रथ का वध कोई सामान्य व्यक्ति नहीं कर पायेगा। उसने साथ ही यह वरदान भी प्राप्त किया कि जो भी जयद्रथ को मारकर जयद्रथ का सिर ज़मीन पर गिरायेगा, उसके सिर के हज़ारों टुकड़े हो जायेंगे।

जयद्रथ द्रोपदी का अपहरण करते हुए

जयद्रथ का वध अर्जुन ने किया था।

सन्दर्भ संपादित करें

उसका वध अर्जुन ने किए।