जयाप्रभा  (जन्म १९५७) एक भारतीय आलोचक और [[तेलुगू]] लेखन में कवयित्री हैं। उन्हें तेलुगू साहित्यिक आलोचना और कविता के क्षेत्र में नारीवादी आंदोलन की अग्रणी माना जाता है। उनकी कविताओं का ध्यान महिलाओं के मुद्दों, उनकी समस्याओं और शक्तियों एवं स्थापित लिंग मानदंडों पर होता है। [1][2]

जीवनी संपादित करें

जयाप्रभा का जन्म २९ जुलाई १९५७ में हुआ था। उन्होंने अपनी मास्टर्स तेलुगु साहित्य में की और पीएच.डी की डिग्री [[उस्मानिया विश्वविद्यालय]] से तेलुगू नाटक की प्रगति और स्थिति पर शोध करके प्राप्त की। [3] वह वर्तमान में सिकंदराबाद में रहती हैं।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Kurian, Anna (2006-10-05). Texts And Their Worlds - I Literature Of India An Introduction (अंग्रेज़ी में). Foundation Books. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788175963009. मूल से 10 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 मार्च 2017. |ISBN= और |isbn= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)
  2. Kakatiya Journal of English Studies (अंग्रेज़ी में). Department of English, Kakatiya University. 1994-01-01. मूल से 10 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 मार्च 2017.
  3. "jayaprabha". मूल से 29 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-10-08.