प्राचीन रोमन लोग डैन्यूब नदी के उत्तर में रहने वाले "बर्बर कबीलों" वाले देशों को गेर्मानिया (Germania) कहा करते थे, जिसके नाम पर अंग्रेज़ी शब्द 'Germany' पड़ा। ये कबीले 'पुरानी जर्मन भाषा' की बोलियाँ बोलते थे। धीरे-धीरे इनका ईसाईकरण हुआ और जर्मन देश ईसाई पवित्र रोमन साम्राज्य का केन्द्र बन गया।

दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में पश्चिमी यूरोप में जर्मन जातियों के अभ्युदय का उल्लेख मिलता है। कुछ जातियाँ जैसे अलामन्नी (Alamanni) बरगंडियाई (Burgundians), फ्रांक (Franks) लंबार्ड (Lombards) ओस्ट्रोगोथ (Ostrogoths) और विज़ीगोथ (Visigoths) पूर्व में राइन नदी के मुहाने, पश्चिम में एल्बे नदी और दक्षिण में उत्तरी इटली के भागों के बीच धीरे-धीरे बसीं। उनमें से कुछ ने इटली पर आक्रमण किया और रोम साम्राज्य का विनाश किया, अन्य फ्रांस और ब्रिटेन में बस गई। राइन नदी के दोनों ओर का क्षेत्र कुछ दिन विवाद में रहने के पश्चात्‌ फ्रांकों के रोमन सम्राट् शार्लमेन द्वारा नवीं शताब्दी में अधिकृत किया गया। लेकिन शताब्दी के अंतिम दिनों जर्मन साम्राज्य तीन भागों में बँट गया।

सैस्कन सम्राट् ओटो प्रथम ने 962 ई. में इटली और जर्मनी को एक सूत्र में बाँधा। आगे चलकर अशांतिपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई। फ्रैडरिक द्वितीय ने अपने शासन को सिसली में ही केंद्रित रखा, इस प्रकार जर्मनी लगभग उपेक्षित रहा। 1273 में हप्सबर्ग का रुडाल्फ सम्राट् निर्वाचित हुआ, किंतु उसके लिये भी बड़े साम्राज्य को कायम रखना असाध्य हो गया था।

रोमन साम्राज्य जिस समय लड़खड़ा रहा था, इंग्लैंड, फ्रांस ओर स्पेन शक्तिशाली राज्य बन रहे थे। जर्मनी उस समय समृद्ध था- इसके विरुद्ध उपर्युक्त तीनों राज्यों ने संधि की।

लेकिन जर्मनी की राजनैतिक अस्थिरता के कारण वहाँ 16वीं शताब्दी में मार्टिन लूथर के नेतृत्व में आन्दोलन हुआ। अन्त में इस आन्दोलन ने 30 वर्षीय धर्मयुद्ध (1618-1648) का रूप लिया। इसमें जर्मनी के लगभग 300 टुकड़े हुए। 18वीं शताब्दी में इन छोटी-छोटी स्वतंत्र इकाइयों ने प्रशा में अत्यधिक उन्नति की।

फ्रांसीसी क्रांति ओर नेपोलियन के युद्धों के समय से जर्मनी में राष्ट्रीयता की चेतना का आविर्भाव हुआ। यह चेतना आगे चलकर उदारवादी आंदोलन के रूप में बदली। 1871 में तत्कालीन चांसलर ऑटोवाॅन बिस्मार्क ने आस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस से युद्ध करके जर्मन राज्य को संगठित किया। फ्रांस की पराजय के बाद जर्मनी ने सैनिक, औद्योगिक और आर्थिक क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की। विसमार्क ने इस स्थिति में अन्य यूरोपीय शक्तियों से संबंध स्थापित किया। 1888 ई. में विलियम द्वितीय सम्राट् हुआ। देश की अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में पुन: अशांति उत्पन्न हुई, जिसने 20वीं शताब्दी में प्रथम विश्वयुद्ध का रूप लिया। इस युद्ध में जर्मन सेनाएँ पराजित हुई। इस पराजय से उत्पन्न आर्थिक और सामाजिक अव्यवस्थाओं तथा 'मित्र राष्ट्रों' की 'वार्सा-संधि' के अनुसार आर्थिक दबावों की परिस्थिति में एडोल्फ हिटलर तथा नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी (नाजी दल) ने 1933 में जर्मनी की सत्ता ग्रहण की। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद वेमर (Weimer) संविधान के अनुसार गणराज्य घोषित जर्मनी में हिटलर ने अपना अधिनायकत्व स्थापित किया। उसने अपने शासनकाल में जर्मनी को सभी क्षेत्रों में सुदृढ़ किया। उसकी साम्राज्यवादी नीति ने, जिससे उसने यूरोप का बड़ा भाग 1939 तक कुछ संधियों से और कुछ सैनिक तरीकों से जर्मनी में जोड़ लिया, द्वितीय विश्वयुद्ध की परिस्थितियाँ मित्र राष्ट्रों के समक्ष आत्मसमर्पण करना पड़ा। रूस, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमरीका और फ्रांस ने जर्मनी के चार भाग करके परस्पर बाँट लिए। 1949 में शांति समझौते के अनुसार जर्मनी की फेडरल जर्मन रिपब्लिक (पश्चिमी) और जर्मन डिमाक्रेटिक रिपब्लिक (पूर्वी) दो भाग हुए। पूर्वी भाग, जिसमें पूर्वी प्रशा भी सम्मिलित है, जो कि 1937 के पूर्व जर्मनों के और अब पोलैंड और रूस के अधिकार में हैं।

1990 में कम्युनिस्ट पूर्वी जर्मनी की मार्क्सवादी सरकार ढह गयी और जर्मनी का वापिस एकीकरण हुआ।

जर्मनी की समयरेखा संपादित करें

कांस्ययुग, लौहयुग तथा अंधयुग (Dark Ages) - सेल्ट (Celts) लोगों की प्राचीन संस्कृति फ्रांस सहित यूरोप के कई देशों में फैल चुकी थी।

768-814 - चार्ल्समेन सभी फ्रॅंक का राजा बन गया। वह पवित्र रोमन महाराजा बन गया।

870 फ्रॉंकोनिया, सॅक्सनी, बेवेरिया और लरएन राज्य बन गया।

919 - 1024 सेकसन परिवार जर्मनी का राजा बन गया।

1024-1255 - सालियान परिवार जर्मनी का राजा बन गया।

1099 प्रथमा ईसाई का लड़ाई (ईसाई जनता का लड़ाई)। पोप अर्बन ने बोला की "जरूसलम को मुसलमानो से वापस ले लो"। ईसाई सैनिक ने जरूसलम को वापस ले लिया। चौधा गिनतीवाला रेमंड (टोलौस रहने वाला) ने प्रथमा ईसाई का लड़ाई शुरू किया। बहुत आवारागर्द सधुओ ने ये चीज़ो के बारे मे कहानी बोला, जैसे की साधु पीटर।

1118 टेंपलर का शूरवीर आ गया। उन्होने ईसाई यात्रिओं को रक्षा किया। ये यात्रिओ जरूसलम या युरोप से था।

1138 1138 -1254 - होहर्न्स्टॅयैफेन परिवार जर्मनी का राजा बन गया।

1147 पवित्र रोमन महाराज तीसरा कॉनरॅड और उसका दोस्त राजा तीसरा लूयिस (फ्रॅन्स से) दूसरा ईसाई की धर्मयुद्ध लड़ाया।

1190 पवित्र रोमन महाराज फ्रेडरिक्क, उसका दोस्त रिचर्ड (उसका दिल शेर से था), औरदूसरा फिलिप (फ्रॅन्स से) तीसरा ईसाई की धर्मयुद्ध लड़ाया। राजा सॅलडिन ने सभी मुसलमानो को एक किया। उन्होने जरूसलम शहर को वापस जीता लड़ाई मे। ईसाई लोग क्रोधित हुआ, और उन्होने चौथा ईसाई धर्मायूध शुरू किया।

1200 चौथा ईसाई की धर्मायूध शुरू हुआ। फ्रेंच और फ्लेमाइश सैना कॉन्स्टॅंटिनोपल शहर के पास आया, लेकिन उन्होने जरूसलम शहर को वापस नही जीता।

1212 फ्रॅन्स से एक छोटा किसान लड़का ने "बच्चो का ईसाई धर्मायूध" शुरू किया। उसका नाम स्टीवन था।वो कलॉएस शहर से था।

1270 अनेक ईसाई की धर्मायूध हुआ। फ्रॅन्स का राजा लूयिस (चौदह वाला) आठ वाला ईसाई की धर्मायूध शुरू किया। लकिन फिर भी, उसका सैनिक ने जरूसलम शहर को नही जीता।

1273 रूडोल्फ (हॅपस्बर्ग से) ने जर्मन लोग का राजा बन गया।

1348 काला मौत युरोप के अंदर आ गया। सिर्फ़ एक ही साल में, हर तीन आदमी से एक आदमी काला मौत से मर गया।

1499 स्विट्जरलैण्ड को जर्मन राज्य से आजादी मिली।

1517 मार्टिन लूथेर ने "सुधार" शुरू किया। उन दीनो में, ईसाई मंदिर लोग बहुत भ्रष्ट था। मार्टिन लूथेर ने भ्रष्टाचार को निकलना चाहता था।

1546 1546-1547: महाराजा चार्ल्स (पाँच वाला) ने विरोध ईसाई (प्रॉटेस्टेंट) राजकुमारों को (और उनके दोस्तों को) हरा दिया।

1555 ऑग्ज़बर्ग शहर का शांति हुआ। सभी राजकुमारों ने तय किया की हम अपने राज्यो मे अपने धर्मा चुन करेंगे।

1618 1618 - 1648: तीस साल का लड़ाई ख़तम हुआ। वेस्टफेलीया शहर के शांति शुरू हुआ।

1701 फ्रेडरिक्क ने प्रशिया राज का पहला राजा बन गया।

1740 1740 - 1748: ऑस्ट्रीया राज का उत्तराधिकार लड़ाई शुरू हुआ।

1806 नेपोलियन बोनपार्ट ने राइन नदी का कँफ़ेदरशण (एक बड़ा राज में अनेक छोटा राज) को स्थापित किया।

1806 प्रशिया ने फ्रॅन्स के साथ लड़ाई शुरू किया। फ्रॅन्स का राजा, नेपोलियन बोनपार्ट, ने प्रशिया को पराजित किया।

1813 लेयिज़ीग शहर में, प्रशिया राज ने नेपोलियन बोनपार्ट को हार किया।

1814 1814-1815: वियना शहर का कांग्रेस ने जर्मन रूस को स्थापित किया। यहा रूस के अंदर उनतालीस आज़ाद जर्मन राजाइया था।

1815 नेपोलियन वॉटरलू शहर में पराजित हुआ।

1862 बिस्मार्क प्रशा का प्रधानमंत्री बना।

1870 फ्रांस और प्रशा के लड़ाई शुरू हुआ।

सन् १८७१ तक जर्मनी का एक राष्ट्र के रूप में अस्तित्व ही नहीं था। इसके पहले यह छोटे-छोटे राज्यों में बंटा हुआ था।

1871 जनवरी : जर्मनी का पेरिस पर अधिकार

1871 18 जनवरी: विल्हेल्म प्रथम, सभी जर्मन राज्यों को संघटित करके जर्मन साम्राज्य का प्रथम कैसर (Kaiser) बना।


१९१४ 28 जून - Archduke Franz Ferdinand of Austria-Hungary and his wife were assassinated in Sarajevo, Bosnia-Herzegovina provoking WW1

अगस्त: Germany declares war on Russia and France. The United Kingdom declares war on Germany

9 नवम्बर 1918 : जर्मनी को गणतंत्र घोषित किया गया।

११ नवम्बर 1918 : वर्साय की सन्धि के फलस्वरूप प्रथम विश्वयुद्ध समाप्त। राइनलैण्ड को १५ वर्ष के लिये मित्र राष्ट्रों के अधीन कर दिया गया।

1919 19 January: A national assembly meets in Weimar to write a new German Constitution - called the Weimar Republic

1923 The National Socialist German Workers Party (Nazis) attempt an unsuccessful armed rebellion led by Adolf Hitler

1933 एडॉल्फ हिटलर जर्मनी का चांसलर बना।

1934 Adolf Hitler declared himself der Fuhrer. The Nazi German government is called the Third Reich

10 अप्रैल 1938 : जर्मनी द्वारा आस्ट्रिया पर आक्रमण

१९३९ १६ मार्च : जर्मनी ने चेकोस्लोवाकिया पर अधिकार कर लिया।

१९३९ १ सितम्बर : जर्मनी द्वारा पोलैण्ड पर आक्रमण ; द्वितीय विश्वयुद्ध आरम्भ हुआ।

१९४० : जर्मनी ने डेनमार्क, नॉर्वे, नीदरलैण्ड्स, बेल्जियम, फ्रांस और लक्समबर्ग पर अधिकार कर लिया। मित्र राष्ट्र, जिनमें रूस, यूके और यूएसए मुख्य थे, ने जबाबी कार्वाई की।

१९४५ ३० अप्रैल : एडॉल्फ हिटलर ने आत्महत्या कर ली।

अगस्त : अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराये।

७ मई १९४५ : जर्मनी का आत्मसमर्पण

जून १९४५ : जर्मनी को चार भागों में बाँट दिया गया और उन पर सैनिक शासन लगा दिया गया। (यूएसए, यूके, यूएसएसआर, फ्रांस)

मई, 1949 : मित्र राष्ट्रों ने पश्चिमी जर्मनी के संविधान को मान्यता दी। पूर्वी जर्मनी ने साम्यवादी शासन वाला संविधान स्वीकारा।

अक्टूबर १९४५ : जर्मन लोकतांत्रिक रिपब्लिक (पूर्वी जर्मनी) का निर्माण।

5 मई 1955 : पश्चिमी जर्मनी को स्वतंत्रता मिली।

अगस्त 1961 : बर्लिन की दीवार का निर्माण

1982 : में क्रिश्चियन डेमोक्रेट पार्टी के हेलमुट कोल पश्चिमी जर्मनी के नए चांसलर चुने गए। इनके शासनकाल के दौरान पश्चिमी जर्मनी ने आर्थिक विकास की नई उँचाइयों को छुआ।

9 नवम्बर 1989 : बर्लिन की दीवार गिरा दी गई। कम्प्युनिस्ट पूर्वी जर्मनी के लोग पश्चिमी जर्मनी में आने के लिए स्वतंत्र

3 अक्टूबर 1990 : पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी का एकीकरण

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