चार्ल्स डार्विन का विश्वास था कि समय के साथ जीवों का अधिक विकसित अवस्था को प्राप्त करने (फिलोजेनी) के प्राकृतिक प्रक्रिया को एक रूपक के रूप में जीवन वृक्ष (Tree of Life) द्वारा दर्शाया जा सकता है। आधुनिक समय में इस विचार का नाम फिलोजेनिक वृक्ष है।

डार्विन के ओरिजिन ऑफ स्पेसीज बाय नेचुरल सेलेक्शन (१८५९) में चित्रित जीवन वृक्ष ; इस पुस्तक में यही एकमात्र चित्र था।
द एवोल्यूशन आफ़ मैन (१८७९) में अर्न्स्त हैकेल द्वारा विचारित जीवन वृक्ष

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