जूता, चप्पल आदि पाँव में पहनी जाने वाली वस्तुओं का निर्माण जूतानिर्माण (Shoemaking) कहलाता है। मूलतः यह काम पहले एक-एक करके हाथ से ही किया जाता था किन्तु अब स्वचालित मशीनों द्वारा भारी मात्रा में जूते बनाये जाते हैं।

भारत का एक जूता-निर्माता हस्तशिल्पी
जूते बनाने के औजार
मोची का मॉडल

आधुनिक काल के परिवर्तन संपादित करें

जूता निर्माण के उद्योग में चन्दौसी के जूता उद्योग का सालाना कारोबार दस से पन्द्रह करोड़ रुपये का है, लेकिन अब हस्तनिर्मित जूता व चप्पल बनाने के कारोबार को कम करके लोगों ने आर्टिफिशियल लेदर का काम शुरू कर दिया है। दिल्ली से लेदर के आइटम सस्ते रेट पर आसानी से मिल जाने के कारण लोग पुराने चमड़े के कारोबार को कम करके आधुनिक मशीनों से तैयार आइटमों से जूता चप्पल बना रहे हैं। [1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 16 अक्तूबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 अक्तूबर 2019.