ज्वालामुखीय चाप (volcanic arc) ज्वालामुखियों की एक शृंखला होती है जो दो भौगोलिक तख़्तों की संमिलन सीमा में निम्नस्खलित तख़्ते (subducting plate) के ऊपर बन जाती है। ऊपर से देखने पर ज्वालामुखियों की यह शृंखला एक चाप (आर्क) के आकार में नज़र आती है। यदि यह किसी महासागर में स्थित हो तो अक्सर यह ज्वालामुखी समुद्र सतह से ऊपर निकलकर ज्वालामुखीय द्वीप बना देते हैं और यह शृंखला एक द्वीप चाप के रूप में नज़र आती है। अक्सर इन द्वीपों से सामानांतर एक महासागरीय गर्त (ट्रेन्च) भी स्थित होता है।[1]

प्रशांत महासागर में स्थित मारियाना द्वीपसमूह एक ज्वालामुखीय द्वीप चाप है

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Grove, T. L., N. Chatterjee, S. W. Parman, and E. Médard (2006), The Influence of H2O on Mantle Wedge Melting, Earth and Planetary Science Letters, 249, 74-89.