टाइपराइटर (या टंकण-यंत्र) एक यन्त्र है जिसका प्रयोग कागज पर कोई पाठ टाइप करने के लिये किया जाता है।

टाइपराइटर

अंग्रेजी का मानक टाइपराइटर क्वर्टी (QUERTY) लेआउट आधारित है। यद्यपि अंग्रेजी के लिये कई सारे लेआउट समय-समय पर बनाये गये जिनमें en:DVORAK गति के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ माना गया परन्तु समय के साथ क्वर्टी ही मानक बन गया। कम्प्यूटर के आविष्कार के पश्चात कीबोर्ड भी क्वर्टी लेआउट पर ही बने।

1930 के दशक में बाजार में हिन्दी टाइपराइटर आया था। हिन्दी टाइपराइटर का विकास अत्यंत जटिल कार्य था। कारण यह कि देवनागरी के अनेक चिह्न येन-केन प्रकारेण २६ कुंजियों पर ही व्यवस्थित करने थे। इसके अतिरिक्त टाइपराइटर मैकेनिकल होने के कारण कम्प्यूटर की तरह न तो मात्राओं को खुद ही जोड़ सकता था, न वर्ण-क्रम के अनुसार संयुक्ताक्षर बना सकता था, अतः सभी चिह्नों, मात्राओं, संयुक्ताक्षरों के लिये अलग से कुंजियाँ याद रखनी पड़ती थी। इस कारण टाइपराइटर का लेआउट अत्यंत जटिल हो गया। परन्तु उस समय हिन्दी टाइप करने का केवल यही एक साधन था।

हिन्दी रेमिंगटन टाइपराइटर
हिन्दी रेमिंगटन टाइपराइटर

कम्प्यूटर पर यूनिकोड प्रणाली लागू से पहले उसके लिये नॉन-यूनिकोड फॉण्ट इसी लेआउट पर आधारित बनाये गये। परन्तु यूनिकोड के आने के बाद प्रचालन तन्त्र में स्क्रिप्ट प्रोसैसिंग इंजन के द्वारा मात्राओं तथा संयुक्ताक्षरों आदि को स्वचालित रूप से प्रकट करना संभव होने से सरल इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड बनाया गया। इसमें मात्राओं तथा संयुक्ताक्षरों आदि को अलग से याद नहीं रखना पड़ता। अतः हिन्दी सहित अन्य भारतीय भाषाओं के लिये इसे ही मानक बनाया गया।

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