त्रिपिटकों में "तथागत" शब्द का उपयोग गौतम बुद्ध ने स्वयं के लिए किया है।

गौतम बुद्ध को तथागत क्यों कहते हैं?

सबसे पहले हम समझते हैं गौतम बुद्ध को तथागत क्यों कहा जाता है और आखिर इस तथागत का मतलब क्या होता है?

तथागत शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है.

तथ्य + आगत = तथागत

तथ्य = सत्य (सचाई)

आगत = अवगत (सचेत, आगाह करना )

अर्थात, तथ्य के साथ सच्चाई से अवगत करने वाले ‘बुद्ध’, "तथागत" कहे जाते हैं.

भगवान बुद्ध मनुष्यों की क्षमता से परे होकर कभी नहीं बोलते. तथागत जो भी बोलते हैं, वो खुद के व्यवहार से प्रामाणिक करते थे. और जो खुद से अनुभव करते थे, वो ही वे बोलते थे. इसलिए भगवान बुद्ध को “तथागत” इस नाम से संबोधित किया जाता हैं.