अप्रैल 2009 को तुर्बत में तीन प्रमुख बलोच राष्ट्रवादी राजनैतिक नेताओं की हत्या हुई थी जिसे तुर्बत की हत्याएँ के नाम से जाना जाता है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि पाकिस्तान की गुप्तचर संस्थाओं ने ये हत्याएँ की थीं। [1] जिन तीन लोगों की हत्या की गयी थी, वे ये थे-

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, 3 अप्रैल 2009 को जब ये तीनों लोग तुर्बत के एक कोर्ट में एक सुनवाई के उपलक्ष्य पहुँचे थे तभी इन तीनों को सुरक्षा एजेन्सी के कुछ सदस्यों ने धर लिया। पाँच दिन बाद उनके क्षत-विक्षत और सड़े हुए शव पिदरक में मिला जो उस स्थान से 35 किमी दूर है जहाँ से इनको धरा गया था। [2]

इन हत्याओं का पता लगते ही पाकिस्तान के बलोचिस्तान तथा अन्य बलोच-बहुल क्षेत्रों में भारी विरोध, दंगे, और हड़ताल शुरू हो गये।[3]

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