दिल देके देखो

1959 की नासिर हुसैन की फिल्म

दिल देके देखो 1959 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। नासिर हुसैन की यह तुमसा नहीं देखा (1957) के बाद निर्देशक के रूप में दूसरी फिल्म है। इसमें आशा पारेख नायिका के रूप में अपनी फ़िल्मी करियर की शुरुआत करती हैं। यह संगीतकार उषा खन्ना की भी पहली फिल्म है।[1]

दिल देके देखो

दिल देके देखो का पोस्टर
निर्देशक नासिर हुसैन
लेखक नासिर हुसैन
निर्माता शशधर मुखर्जी
अभिनेता शम्मी कपूर,
आशा पारेख
संगीतकार उषा खन्ना
प्रदर्शन तिथियाँ
2 अक्टूबर, 1959
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

नीता (आशा पारेख) यू.के. स्थित उद्योगपति जगतनारायण की इकलौती बेटी है। उसकी शादी की उम्र हो गई है और कैलाश, चंदर और राजा उसे लुभाना चाहते हैं। वह कैलाश और राजा के मुकाबले चंदर को पसंद करती है। लेकिन बाद में उसका मन बदल जाता है और उसे राजा से प्यार हो जाता है। हालात में नाटकीय मोड़ तब आता है जब जगतनारायण और नीता को पता चलता है कि राजा वैसा नहीं है जैसा वह होने का दावा करता है।

जब राजा अपना बचाव करता है और खुद को रूप (शम्मी कपूर) कहता है। तो उसकी अपनी माँ इस दावे से इनकार करती है और इसके बजाय कहती है कि चंदर उसका इकलौता बेटा रूप है। राजा को अब खुद को रूप साबित करने का प्रयास करना होगा और उसे एहसास होता है कि यह वास्तव में एक कठिन काम है।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी गीत मजरुह सुल्तानपुरी द्वारा लिखित; सारा संगीत उषा खन्ना द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायनअवधि
1."रही मिल गए राहों में"मोहम्मद रफ़ी3:29
2."यार चुलबुला है"मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले5:46
3."दिलरुबा मेरी नीता"मोहम्मद रफ़ी3:17
4."प्यार की कसम"मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले4:18
5."मेघा रे बोले"मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले6:21
6."बड़े है दिल के काले"मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले3:34
7."हम और तुम और ये समां"मोहम्मद रफ़ी3:19
8."मेघा रे बोले"मोहम्मद रफ़ी2:09
9."दो एकम दो दो दूनी चार"मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले4:00
10."बोलो बोलो कुछ तो बोलो"मोहम्मद रफ़ी4:17
11."दिल देके देखो दिल देके देखो"मोहम्मद रफ़ी4:12

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "मोहब्बत करके भी Asha Parekh ने इस वजह से जिंदगी भर नहीं की शादी, जानिए क्या थी वजह". www.abplive.com. 20 मार्च 2022. अभिगमन तिथि 17 दिसम्बर 2023.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें