दोमिनिकी संघ रोमन कैथलिक सम्प्रदाय का एक उपसम्प्रदाय है। इसकी स्थापना सन्त दोमिनिक ने की थी।

Order of Preachers
Ordo Praedicatorum
चित्र:Seal of the Dominican Order.png
Coat of arms of the order
संक्षेपाक्षर OP
सिद्धांत Laudare, Benedicere, Praedicare ("To Praise, To Bless, To Preach")
स्थापना 1216; 808 वर्ष पूर्व (1216)
संस्थापक Saint Dominic
प्रकार Mendicant Catholic religious order
वैधानिक स्थिति Institute of Consecrated Life
मुख्यालय Santa Sabina,
Rome, Italy
सदस्यता (2013)
6,058 (including 4,470 priests)[1]
Bruno Cadoré
संबद्धता Catholic Church
जालस्थल op.org

परिचय संपादित करें

स्पेननिवासी उपदेशक संत दोमिनिकी (११७०-१२२१ ई.) एलबीजेंसस नामक संप्रदाय का विरोध करने के लिए बहुत समय तक दक्षिण फ्रांस का दौरा करते रहे और वहीं उन्होंने तुलूस नामक नगर में सन् १२१५ ई. में एक धर्मसंघ की स्थापना की जो बाद में दोमिनिकी संघ के नाम से विख्यात हुआ।

उपदेश देना तथा जनता में धर्मशिक्षा का प्रचार करना दोमिनिकी धर्मसंधियों का प्रारंभ ही से प्रधान कार्य रहा, उस क्रियाशीलता को सफल बनाने के लिए संघ से व्यतिगत ध्यान, प्रार्थना तथा स्वाध्याय को महत्व दिया जाता था। यह संघ शीघ्र ही समस्त यूरोप में फैल गया। १३वीं श.ई. में ही पेरिस, आक्सफोर्ड, पादुआ, कोलोन आदि मुख्य शिक्षाकेंद्रों में उसके मठों की स्थापना हुई और वहाँ के विश्वविद्यालयों के बहुत से प्राध्यापक तथा छात्र इस संघ के सदस्य बने।

परवर्ती शताब्दियों में दोमिनिकी फ़ारस, भारत, चीन, उत्तरी अफ्रीका आदि मिशन क्षेत्रों में भी धर्मप्रचार करने गए। चर्च के इतिहास में तथा विशेष रूप से ईसाई धर्मविज्ञान तथा दर्शन के इतिहास में इस संघ का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। संत तोमस एक्वाइनस (१२२४-१२७४ ई.) सबसे प्रसिद्ध दोमिनिकी हैं। उन्होंने अरस्तू के दर्शन को आधार बनाकर समस्त ईसाई धर्मसिद्धांतों का विशद प्रतिपादन किया है। उनकी रचनाओं का परिशीलन आजकल प्रत्येक रोमन काथलिक पुरोहित के लिए अनिवार्य है।

इस संघ के सदस्य दर्शन, बाइबिल आदि के विषय में अनेक वैज्ञानिक पत्रिकाओं के संपादन द्वारा पश्चिमी देशों के बुद्धिजीवियों के लिए धार्मिक समस्याओं का समाधान करते हैं।

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

  1. साँचा:Catholic-hierarchy