दंशधारी प्राणी जगत् के अन्तर्गत एक संघ है जिसमें जलीय जन्त्वों की 11 सहस्राधिक प्रजातियाँ हैं जो मीठे जल और मुख्यतः समुद्री वातावरण में पाए जाते हैं। दंशधारी नाम इनकी दंशकोरक से बना है। वह दंशकोरक स्पर्शकों तथा शरीर में अन्य स्थानों पर पाई जाती हैं। दंशकोरक स्थिरक, रक्षा तथा शिकार में सहायक हैं। दंशधरों में ऊतक स्तर संगठन होता हैं और द्विकोरकी होते हैं। इनके शरीरों में अरीय सममिति दिखती है। इन प्राणियों में केन्द्रीय जठर-संवहनीय गुहा पाई जाती हैं, जो अधोमुख पर स्थित मुख द्वारा खुलती है। इनमें पाचन अन्तःकोशिकीय एवं बाह्यकोशिकीय दोनों प्रकार का है। इनके कुछ सदस्यों (जैसे प्रवाल कोरल) में कैल्सियम कार्बोनेट से बना कंकाल पाया जाता है। इनका शरीर दो आकारों पॉलिप तथा मेडुसा से बनता है। पॉलिप स्थावर तथा बेलनाकार होता है, जैसे: हाइड्र। मेडुसा छत्राकार का तथा मुक्त प्लावी होता है। जैसे जेली मछली या गिजगिजिया। वे दंशधारी जिन में दोनों पॉलिप तथा मेडुसा दोनों रूप में पाए जाते हैं, उनमें पीढ़ी एकान्तरण होता हैं, जैसे: ओबेलिया। पॉलिप अलैंगिक जनन के द्वारा मेडुसा उत्पन्न करता है तथा मेडुसा लैंगिक जनन के द्वारा पॉलिप उत्पन्न करता है। उदाहरणतः फाइसेलिया (पुर्तुगाली युद्ध मानव) एडम्सिया (समुद्र ऐनीमोन) पेनट्युला (समुद्री पिच्छ) गोर्गोनिया (समुद्री व्यंजन) तक्ष तथा मीयण्ड्रीना

दंशधारी
दंशधारी वैविध्य
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: प्राणी
संघ: दंशधारी
हात्चेक, १८८८
उपसंघ[4]वर्ग

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Classes in Medusozoa based on "The Taxonomicon – Taxon: Subphylum Medusozoa". Universal Taxonomic Services. मूल से 11 मार्च 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-01-26.
  2. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  3. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  4. "The Taxonomicon – Taxon: Phylum Cnidaria". Universal Taxonomic Services. मूल से 29 सितंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-07-10.