नीरज कयाल एक भारतीय संगणक वैज्ञानिक है। उन्होंने मणीन्द्र अग्रवाल और नितिन सक्सेना के साथ मिलकर ऐकेएस पराएमीलिटी टेस्ट का प्रस्ताव रखा।[1] इस अनुसंधान ने दुनिया भर में ध्यान आकर्षित किया। इसी कार्य के लिए, अपने सह लेखकों के साथ, उन्हें प्रतिष्ठित गोडेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

नीरज कयाल
जन्म २८ सितम्बर १९७९
गुवाहाटी, भारत
आवास बेंगळूरु
राष्ट्रीयता भारतीय
क्षेत्र संगणक विज्ञान
संस्थान माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च, भारत
शिक्षा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर
डॉक्टरी सलाहकार मणीन्द्र अग्रवाल
प्रसिद्धि ऐकेएस पराएमीलिटी टेस्ट
उल्लेखनीय सम्मान गोडेल पुरस्कार (२००६)

प्रारंभिक जीवन संपादित करें

कयाल का जन्म और परवरिश गुवाहाटी, भारत में हुई। सन् १९९६ में उन्हें राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा छात्रवृत्ति और जगदीश बोस राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति प्राप्त हुई। सन १९९७ में उन्हें भारतीय राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड के लिए भी चुना गया। सन् २००२ में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के संगणक विज्ञान विभाग से बी. टेक. करते हुए उन्होंने अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी की। आईआईटी कानपुर के संगणक विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग से सैद्धांतिक संगणक विज्ञान के क्षेत्र में कयाल ने अपनी पीएचडी प्राप्त की। तत्पश्चात्, उन्होंने रुत्गेर्स विश्वविद्यालय से पोस्ट डॉक्टरेट पूरा किया। वर्तमान में वे एक शोधक के रूप में माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च, भारत के साथ काम कर रहे हैं।

पुरस्कार एवं सम्मान संपादित करें

उन्हें कम्प्यूटेशनल जटिलता सिद्धांत में अपने कार्य के लिए आईआईटी कानपुर ने विशिष्ट छात्र पुरस्कार प्रदान किया।

निजी जीवन संपादित करें

९ मार्च २००८ को उनका विवाह निधि गुप्ता से हुआ, जो ड्यूश बैंक में कार्यरत थी।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Bornemann, F. Primes is in P: A Breakthrough for "Everyman" Archived 2009-03-18 at the वेबैक मशीन. Notices of the AMS, May 2003.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें