नून चाय केन्द्रीय एशिया और भारत के उत्तरी क्षेत्रों में, विशेषकर जम्मू और कश्मीर क्षेत्र, में बनने वाला एक पारम्परिक चाय का पेय है। इसमें हरी चाय के लपेटे हुए पत्ते, दूध और सोडियम बाईकार्बोनेट (खाने का सोडा) डलता है। इस चाय की एक विशेषता यह है कि इसमें शक्कर के स्थान पर नमक डाला जाता है और दूध डालने पर इसका रंग गाढ़ा होने की बजाय हलका गुलाबी हो जाता है।[1][2]

यह कश्मीर की एक पारंपरिक चाय है जो आम तौर पर नाश्ते के साथ ली जाती है। यह चाय पत्ते, दूध, नमक, मेवा, केसर और कभी-कभी थोड़ा सोडे से बनाई जाती है। कश्मीरी चाय का रंग गुलाबी होता है।

नामोत्पत्ति संपादित करें

कश्मीरी, राजस्थानी, बंगाली, नेपाली और कई अन्य भारतीय भाषाओं में "नून" शब्द का अर्थ "नमक" होता है।[3] यह कई प्रयोगों में पाया जाता है, मसलन राजस्थानी भाषा में "नून-दाब" एक प्रकार की सौगंध होती है जिसमें हाथ नमक में डालकर या दबाकर कोई गम्भीर प्रतिज्ञा करी जाती है।[4]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Noon Chai / Salty Tead / Pink Tea – Kashmiri Namkeen Chai". Life 'n' Such. April 16, 2007. मूल से 8 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 February 2014.
  2. "Sheer Chai Recipe". मूल से 2012-07-06 को पुरालेखित.
  3. Bengali and English dictionary. Oxford University. 1856. मूल से 3 जून 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2014-11-22. ... নূণ Salt ...
  4. Edward Balfour (editor) (1873). Cyclopædia of India and of Eastern and Southern Asia, Volume 4. Scottish & Adelphi presses. मूल से 23 जून 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2014-11-22. ... Noon-Dab, Hind., from Noon or loon, salt, and dabna, to dip, bespatter, or sprinkle, a custom among the Rajput races, of dipping the hand in the salt; the Noon-dab, is the most sacred pledge of good faith ...सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ: authors list (link)