पटुआ एक हस्तशिल्पकार समुदाय है जो जिनका मुख्य पेशा विशेष रीति से पटचित्र बनाकर उसका घूमघूमकर प्रदर्शन करना और बेचना है। ये पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा और बांग्लादेश में पाये जाते हैं। इनमें हिन्दू और मुसलमान दोनों धर्मों के लोग हैं।

एक पटुवा कलाकार, काम करते हुए

'पटुआ' शब्द 'पट' से बना है। पतचित्रण बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राचीनकाल से प्रचलित लोकशिल्प है। इसे आज भी कुछ-कुछ कालीघाट चित्रकला में देखा जा सकता है।