परिणामवाद (Consequentialism) मानदण्डक नीतिशास्त्र के सिद्धांतों में वह विचारधाराएँ हैं जिनके अनुसार किसी क्रिया या व्यवहार की अच्छाई या बुराई का आंकलन अंततः इसी बुनियाद पर होता है कि उस क्रिया का परिणाम अच्छा था या बुरा। परिणामवादियों के अनुसार जिस काम के करने के नतीजे अच्छे हों, वहीं काम भला है। उदाहरण के लिए, अदालत में शपथ लेकर झूठ बोलना अपराध है, लेकिन परिणामवाद के अनुसार यदि ऐसा करने से किसी निर्दोष व्यक्ति की जान बचती है तो ऐसा ही करना चाहिये। परिणामवादियों के लिए लिखित नियमों व कानूनों का पालन करना अपने-आप में एक अच्छी या बुरी बात नहीं होती।[1][2][3]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  2. Portmore, Douglas W. (2011). Commonsense Consequentialism: Wherein Morality Meets Rationality. New York: Oxford University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-979453-9. मूल से 29 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अप्रैल 2018.
  3. Scheffler, Samuel (1994). The Rejection of Consequentialism: A Philosophical Investigation of the Considerations Underlying Rival Moral Conceptions. Oxford: Oxford University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-823511-8.