लम्बी अवधि में समय के साथ किसी पारिस्थितिक समुदाय (ecological community ) के प्रजातीय संरचना का क्रमशः बदल जाना पारिस्थितिक अनुक्रम (Ecological succession) कहलाता है। इस प्रक्रिया में कुछ दशक (जैसे वन्यजीव के लिए) से लेकर लाखों वर्षों का समय लग सकता है। यह कार्य शुरू में उस समुदाय में अपेक्षाकृत कुछ अग्रणी पौधों और पशुओं जानवरों से शुरू होता है और धीरे-धीरे विविधता और जटिलता को बढ़ती जाती है (अधिक पौधे/जन्तु) जो तब तक जारी रहती है जब तक कि चरम की अवस्था, अर्थात तथा स्व-शास्वता (self-perpetuating), न आ जाय।[1]

स्क्रू के बीच तथा दीवार के दरारों में अनुक्रम
प्राथमिक अनुक्रम : जब नंगी (जीवरहित) शिला पर लाइकेन अपना घर बना लेते हैं तो यही अनुक्रम का आरम्भ है।

पादप अनुक्रमण संपादित करें

विशेष स्थान पर अनेक पादप समुदायों द्वारा परिवर्तन के पश्चात् चरम समुदाय (climax stage) का निर्माण होता है तो इसे पादप अनुक्रमण (plant succession) कहते हैं। यह जलाशय से प्रारम्भ हो तो जलक्रमक (hydrosere) कहलाता है, नग्न् क्षेत्र से शुरू हो तो मरुक्रमक (xerosere) कहलाता है।

संदर्भ संपादित करें

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर