पाल-उड़ान या ग्लाइडिंग (gliding, ग्लाइडिंग) ऐसी मनोरंजन क्रिया व खेल है जिसमें बिना किसी मोटर या अन्य कृत्रिम ऊर्जा की खपत से चलने वाले साधन का प्रयोग करे किसी विमान को अपने पंखों का पाल (sail) के रूप में इस्तेमाल कर के उसे प्राकृतिक वायु बहाव से भूमि से ऊपर हवा में उड़ते हुए रखा जाता है।[1] ऐसे विमानों को ग्लाइडर (gliders) या पालविमान (sailplane) कहते हैं। कई प्राणी और वनस्पति-अंश (जैसे कि कुछ प्रकार के बीज) भी इस सिद्धांत के प्रयोग से स्थान-से-स्थान तक वायु में यातायात करते हैं। पाल-उड़ान में कौशल हवा के ऊपर उठते प्रवाहों को खोजने-पहचानने और फिर विमान को उनके ऊपर ले जाकर उठवाने में महारत को समझा जाता है। अनुकूल स्थितियों में निपुण विमानचालक हलके विमानों को पाल-उड़ान द्वारा सैंकड़ों किलोमीटर तक बिना किसी कृत्रिम ऊर्जा के ले जा सकते हैं और विचित्र परिस्थितियों में १००० किमी तक की ऐसी उड़ाने देखी गई हैं।[2]

पालविमानों (ग्लाइडरों) की उड़ान का आरम्भ अक्सर किसी मोटर-वाले विमान द्वारा खींच कर करा जाता है - फिर बीच का रस्सा तोड़कर उसे स्वयं पाल-उड़ान द्वारा उड़ाया जाता है

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "FAI Commissions". FAI web-site. Fédération Aéronautique Internationale Aeronautique. मूल से 14 अप्रैल 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-04-05.
  2. "Gliding World Records". Fédération Aéronautique Internationale Aeronautique. मूल से 7 मई 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-05-06.