भारतीय इतिहास में पाशुपतास्त्र एक अस्त्र का नाम है जो भयानक अत्यन्त विध्वंसक है और जिसके प्रहार से बचना अत्यन्त कठिन। यह अस्त्र शिव, काली और आदि परा शक्ति का हथियार है जिसे मन, आँख, शब्द से या धनुष से छोड़ा जा सकता है। इस अस्त्र को अपने से कम बली या कम योद्धा पर नहीं छोड़ा जाना चाहिये। पशुपातास्त्र सम्पूर्ण सृष्टि का विनाश कर सकता है। यह पशुपतिनाथ का अस्त्र है, उन्होने इसे ब्रह्माण्ड की सृष्टि से पहले ही घोर तप करके आदि परा शक्ति से प्राप्त किया था। इस अस्त्र से किया गया विनाश दोबारा ठीक नही किया जा सक्ता

महाभारत के युद्ध में भी पाशुपतास्त्र अस्त्र का वर्णन मिलता है । महाभारत में अर्जुन ने जयद्रथ का वध करने के लिए पाशुपतास्त्र का प्रयोग किया। अर्जुन ने पाशुपतास्त्र प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की अराधना की थी । असाध्य से भी असाध्य रोगोको भी ठीक करने की क्षमता रखता है। एडिट धर्मेंद्र कुमावत झातला द्वारा किया गया है

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