पुलस्त्य, जिसका बायर नामांकन "गामा अर्से मॅजोरिस" (γ UMa या γ Ursae Majoris) है, सप्तर्षि तारामंडल का छठा सबसे रोशन तारा और पृथ्वी से दिखने वाले सभी तारों में से ८६वाँ सब से रोशन तारा है। यह हमसे क़रीब ८४ प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी से इसका औसत सापेक्ष कांतिमान (यानि चमक का मैग्निट्यूड) +२.४१ है।[1] इस तारे का नाम महर्षि पुलस्त्य पर रखा गया है।

सप्तर्षि तारामंडल में पुलस्त्य तारे (γ UMa) का स्थान

अन्य भाषाओं में संपादित करें

पुलस्त्य को अंग्रेज़ी में "फ़ॅकडा" (Phecda) भी कहा जाता है। यह अरबी भाषा के "फ़ख़्त अल-दब्ब" (فخذ الدب‎) से लिया गया है जिसका अर्थ "भालू की जांघ" है। अरब खगोलशास्त्र में इस तारामंडल में जो काल्पनिक भालू की आकृति बनाई जाती थी यह तारा उसके जाँघों में स्थित है।

वर्णन संपादित करें

पुलस्त्य एक A0Ve SB श्रेणी का मुख्य अनुक्रम तारा है। इसकी सतह का तापमान ९,५०० कैल्विन है जो कि काफ़ी अधिक है। पुलस्त्य की निहित चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) सूरज की ७२ गुना है। इसका द्रव्यमान (मास) हमारे सूरज के द्रव्यमान का लगभग २.७ गुना और व्यास (डायामीटर) हमारे सूरज के व्यास का ३ गुना है।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Lloyd Motz, Carol Nathanson. "The constellations". Doubleday, 1988.