प्रदीप चौधुरी (५ फरबरि १९४३) बांग्ला साहित्य के भूखी पीढ़ी (हंगरी जनरेशन) साहित्य अंदोलनके प्रख्यात कवि, आलोचक एवम अनुवादक हैं। भूखी पीढी आंदोलन में योगदान के लिये उन्हें विश्वभारती विश्वविद्यालय से रसटिकेट (बेदखल) कर दिया गया था। आन्दोलन के जिन ग्यारह सदस्य के खिलाफ़ गिरफ़्तारी का समन निकला था उन लोगों में प्रदीप चौधुरी भी थे। उनके पिता के अगरतला (त्रिपुरा) स्थित घर से गिरफतार करके उन्हें कोलकाता के बंकशल अदालत में पेश किया गया था, हालांकि उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चला था। रसटिकेट होने के बाद उन्होंने फिर से यादबपुर विश्व्विद्यालय में दाखिला लिया और अंग्रेजी में एम ए पास किया। वे कोलकाता में में स्कूलों में शिक्षक रहे, जिस दौरान उन्होंने फ़्रेन्च भाषा में पठन किया। यह पठन बाद में उनके अनुवाद कार्य में काम आया। शान्तिनिकेतन में पढ़ते समय वे स्वकाल् नाम से भूखी पीढ़ी की एक लघु पत्रिका का सम्पादन किया करते थे, जिसका नाम बदलकर सत्तर के दशक में उन्होने फु: रख लिया। फु: एक त्रिभाषिक (बांग्ला, अंग्रेजी एवं फ़्रेन्च) पत्रिका के रूप में काफ़ी सफल रही।

कृतियां संपादित करें

  • कालो गर्तो/ब्लैक होल (१९८०/१९९६/२०००)
  • दि असासिन ऐन्ड दि डलिया
  • रात्रि--कविता और आलोचना (१९९६) फ्रांसिसि भाषा में (२०००)
  • कविताधर्म/पोयेट्रिरिलिजियन (२०००)
  • सैंचुयारिअज, प्लेसेस ऐन्ड एग्जाइलस (१९९४)
  • प्ले बुक (१९९७) अंग्रेजी एवं फ्रांसिसि भाषा में।
  • बिग किस टु आल दि स्ट्रे डागस (२००४)

सन्दर्भ संपादित करें

  • समीर रायचौधुरी सम्पादित हवा४९। प्रदीप चौधुरी के कवितायें। (१९९६)।
  • टिउडर प्रकाशित पोएट्रि औफ प्रदीप चौधुरी। (१९९५)

इन्हे भी देखें संपादित करें

बाह्यसूत्र संपादित करें