फ़ैज़ाबाद, बदख़्शान

बदख़्शान में नगर (अफगानिस्तान)
फ़ैज़ाबाद​
Fayzabad / فيض آباد
फ़ैज़ाबाद​ is located in अफ़ग़ानिस्तान
फ़ैज़ाबाद​
फ़ैज़ाबाद​
अफ़ग़ानिस्तान में स्थिति
सूचना
प्रांतदेश: बदख़्शान प्रान्त, अफ़ग़ानिस्तान
जनसंख्या (-): ४४,४२१
मुख्य भाषा(एँ): ताजिक
निर्देशांक: 37°7′19″N 70°35′0″E / 37.12194°N 70.58333°E / 37.12194; 70.58333

फ़ैज़ाबाद​ (फ़ारसी: فيض آباد‎, अंग्रेज़ी: Fayzabad) उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान के बदख़्शान प्रान्त की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। १,२०० मीटर की ऊंचाई पर कोकचा नदी के किनारे स्थित यह शहर पामीर क्षेत्र का एक मुख्य व्यापारिक और प्रशासनिक केंद्र भी है।

बदख़्शान प्रान्त की राजधानी फ़ैज़ाबाद​ का एक नज़ारा

लोग, भाषाएँ और संस्कृति संपादित करें

सड़कों की कमी के कारण फ़ैज़ाबाद​ ऐतिहासिक रूप से बाक़ी अफ़ग़ानिस्तान से थोड़ा अलग-थलग रहा है। यहाँ के ज़्यादातर लोग ताजिक समुदाय के हैं, हालांकि यहाँ कुछ पश्तून, उज़बेक और तुर्कमेन लोग भी बसते हैं। पहाड़ी इलाक़ा होने के कारण यहाँ की अलग-अलग वादियों में बहुत सी भाषाएँ बोली जाती हैं, जिनमें दरी फ़ारसी, मुन्जानी, वाख़ी, पश्तो, इश्काशिमी, याज़गुलामी, सरिकोली, शुग़नाई और रोशानी शामिल हैं। शहर में दो बड़े बाज़ार हैं जहाँ पर कपास, कपड़े, नमक, शक्कर, इंडिगो (नील) और धातु के बने छुरी, चाक़ू, कैंची, चम्मच, वग़ैराह का व्यापार गरम रहता है।

इतिहास संपादित करें

सन् १६८० तक यह शहर जौज़ गुन (جوزگون‌) या जौज़ून (جوزون‌)​ के नाम से जाना जाता था क्योंकि यहाँ अख़रोट-बादाम के पेड़ों की भरमार है और फ़ारसीताजिक में अख़रोट-बादाम को 'जौज़' (جوز‌‎, jauz) कहा जाता है। उस साल में पैग़म्बर मुहम्मद का ख़िरक़ा (पोशाक) यहाँ लाया गया जिसके बाद इस शहर का नाम बदलकर फ़ैज़ाबाद​ (यानि 'फ़ैज़' या दिव्य आशीर्वाद द्वारा आबाद नगर) रखा गया।[1][2] उसी समय बदख़्शान की राजधानी मुन्जान से बदलकर इस शहर को बना दिया गया। बाद में १७६८ में अहमद शाह अब्दाली उस पोशाक (ख़िरक़े) को कंदहार ले गया और वहाँ उसे रखने के लिए एक मस्जिद बनवाई जिसे ख़िरक़ा शरीफ़ ज़ियारत​ के नाम से जाना जाता है।[3]

फ़ैज़ाबाद में सात ऐतिहासिक क़िले हैं जिनमें से अधिकतर खँडहर बन चुके हैं। यह शहर से अन्दर-बाहर जाने वाली सड़कों पर निगरानी रखने के लिए बनाए गए थे। १९७९ में जब सोवियत संघ ने अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा कर लिया तो फ़ैज़ाबाद उसके विरुद्ध लड़ने वाले जुझारुओं का अड्डा बन गया। १९८० में सोवियत लाल सेना ने इसपर क़ब्ज़ा कर लिया और फ़ैज़ाबाद एक सोवियत छावनी बन गया। २००१ के बाद अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी हस्तक्षेप का असर फ़ैज़ाबाद पर भी पड़ा जब वहाँ से तालोक़ान तक एक राजमार्ग बनाया गया तो अब इस शहर को अफ़ग़ान रिंग रोड से जोड़ता है।

उच्चारण सहायता संपादित करें

'बदख़्शान' शब्द में 'ख़' अक्षर के उच्चारण पर ध्यान दें क्योंकि यह बिना बिन्दु वाले 'ख' से ज़रा भिन्न है। इसका उच्चारण 'ख़राब' और 'ख़रीद' के 'ख़' से मिलता है।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Historical and political gazetteer of Afghanistan, Ludwig W. Adamec, pp. 67, Indian Army (General Staff Branch), Akademische Druck - u. Verlagsanstalt, 1972, ... Faizabad was until 1680 (1091) catted Jauz Gun or Jauzun because of its abundance of nuts, jauz; the name was changed when the robe, khirqa, of the Prophet Muhammad was deposited in the town ...
  2. A Comprehensive Persian-English Dictionary: Including the Arabic Words and Phrases to Be Met with in Persian Literature Archived 2013-04-03 at the वेबैक मशीन, Francis Joseph Steingass, pp. 377, Asian Educational Services, 1992, ISBN 978-81-206-0670-8, ... A. جوز‌‎ jauz (from P. گوز‎ gauz), A nut ...
  3. The Persian World: Understanding People, Polity, and Life in Iran, Afghanistan, and Tajikistan[मृत कड़ियाँ], Mukesh Kumar Sinha, Hope India Publications, 2005, ISBN 978-81-7871-068-6, ... Kherqa Sharif Ziarat - The shrine of the cloak of the Holy Prophet Muhammad adjoins Ahmed Shah Durrani's Mausoleum ... Ahmed Shah received the Prophet's Cloak from Murad Beg, Amir of Bukhara, in 1768, as part of treaty settling the northern boundaries ...