फ्रांसिस टर्बाइन (Francis turbine) एक प्रकार की जल टर्बाइन है। यह यह एक रिएक्शन टर्बाइन है जिसमें जल का बहाव अन्दर की ओर होता है। इस प्रकार यह अरीय प्रवाह (radial flow) तथा अक्षीय प्रवाह दोनों प्रकार के प्रवाह की संकल्पना पर आधारित है। आजकल ये टर्बाइन सबसे अधिक प्रयोग में आने वाले जल-टरबाइन हैं। ये ९५ प्रतिशत से अधिक दक्षता पर काम कर सकते हैं।

स्वितजरलैण्ड में बनी एक छोटी फ्रांसिस टर्बाइन

आधुनिक फ्रांसिस टर्बाइन की डिजाइन होने में १८४८ से लेकर १९२० तक का समय लगा। १९२० के आसपास इसे 'फ्रांसिस टर्बाइन' कहा जाने लगा। इसका नाम ब्रिटिश-अमेरिकन इंजीनियर जेम्स बी फ्रांसिस के नाम पर है जिसने १८४८ में नयी टर्बाइन की डिजाइन प्रस्तुत की थी।

इनका उपयोग मुख्यतः विद्युत उत्पादन में होता है।