फ्लोरस्पार (Fluorspar) या फ्लोराइट (Ca F2) हल्के हरे, पीले या बैंगनी रंग में तथा अधिकतर घन आकृति में मिलता है। इसकी चमक काँच के समान होती है। कठोरता 4 तथा आपेक्षिक घनत्व 3.2 है। इस खनिज का विशेष गुण है प्रतिदीप्ति (Fluorescence)।

नीले फ्लोराइट के क्रिस्टल

कम ताप पर पिघलने के कारण इस खनिज का उपयोग लोह उद्योग में मल को बहाकर निकालने के लिए होता है। विश्व का लगभग तीन प्रतिशत फ्लोराइट चीनी मिट्टी उद्योग में प्रयुक्त होता है। इसके अतिरिक्त फ्लोराइट का उपयोग बहुत से रासायनिक पदार्थ, जैसे हाइड्रोफ्लोरिक एसिड आदि बनाने के काम में होता है।

भारत में यद्यपि यह खनिज अल्प मात्रा में बिहार, राजस्थान आदि प्रदेशों की शिलाओं में विद्यमान है, तथापि इसके आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण निक्षेप मध्य प्रदेश में डोंगरगढ़ से 14 मील की दूरी पर है। यहाँ 60 फुट की गहराई तक इस खनिज का भंडार एक लाख टन से अधिक अनुमानित किया गया है।

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