बटाईदारी कृषि की उस व्यवस्था को कहा जाता है जिसमें ज़मीन का मालिक उसपर काम करने वाले किसान को अपनी ज़मीन का प्रयोग करने का अधिकार इस शर्त पर देता है कि किसान अपनी फ़सल का कुछ हिस्सा उसके हवाले कर देगा। दुनिया भर में बटाईदारी की बहुत सी प्रणालियाँ रही हैं। उदाहरण के लिए भारतीय उपमहाद्वीप में मुग़ल और अंग्रेज़ी ज़माने की ज़मींदारी व्यवस्था में किसी गाँव की ज़मीन को उस गाँव के ज़मींदार की सम्पत्ति माना जाता था और वह गाँव के अन्य निवासियों को उसपर तभी काम करने देता था अगर वे उसे अपनी फ़सल का हिस्सा दें। अमेरिका में 'शेयरक्रॉपिन्ग' (sharecropping), इटली में 'मेत्ज़ाद्रिया' (mezzadria), फ़्रांस में 'मेतायाझ़' (métayage) और स्पेन में 'मेदियेरो' (mediero) इसके अन्य उदाहरण हैं। इस्लामी शरिया क़ानून में भी बाग़ों पर काम करने के लिए एक 'मुसाक़त' नाम की बटाईदारी व्यवथा का उल्लेख है।[1]

सन् १९४१ में अमेरिका में काम करता एक बटाईदार (शेयरक्रॉपर) किसान परिवार

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Theories of share cropping: evidence from North-East India, Bijit Kumar Dutta, Mittal Publications, 2003, ISBN 978-81-7099-917-1, ... Nomenclature of Sharecropping ... Italy - Mezzadria, Germany - Halbpacht, France - Metayage, Facheria, Persia - Musaraeh, India - Batai ...