बुलन्दी (1980 फ़िल्म)

1981 की इस्माईल श्रॉफ की फ़िल्म

बुलन्दी 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। इसका निर्देशन इस्माईल श्रॉफ ने किया। इसमें राज कुमार, डैनी डेन्जोंगपा, किम, आशा पारेख और जीवन मुख्य कलाकार है और इसका संगीत आर॰ डी॰ बर्मन ने तैयार किया था।

बुलन्दी

बुलन्दी का पोस्टर
निर्देशक इस्माईल श्रॉफ
निर्माता मोहन राव
अभिनेता राज कुमार,
डैनी डेन्जोंगपा,
किम,
आशा पारेख
संगीतकार आर॰ डी॰ बर्मन
प्रदर्शन तिथि
1980
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

धनी रंजीत सिंह लोबो (डैनी डेन्जोंगपा), प्रोफेसर सतीश खुराना (राज कुमार) को अपने कॉलेज जाने वाले बेटे मनजीत (डैनी डेन्जोंगपा) को पढ़ाने के लिये नियुक्त करते हैं। सतीश अनिच्छा से इस काम को स्वीकार कर लेता है। वह उसके अंदर ऐसे सकारात्मक बदलाव लाता है कि रंजीत के दोस्त, मदन तेजा (कादर ख़ान) और बाबूलाल (जीवन) भी उसे अपने संबंधित पुत्रों विक्रम और पवन को पढ़ाने के लिए रख लेते हैं।

सतीश को पता नहीं है कि जल्द ही उस पर प्रिंसिपल द्वारा अपने नए-नवेले विद्यार्थियों के लिए परीक्षा प्रश्न लीक करने का आरोप लगाया जायेगा और कॉलेज से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जाएगा। यह रंजीत और उसके सहयोगियों की योजना का हिस्सा है।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी गीत मजरुह सुल्तानपुरी द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."कहो कहाँ चले"किशोर कुमार, आशा भोंसले4:58
2."हम जब एक साथ है फिर"मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले4:14
3."अब रात हो गई जवाँ"अमित कुमार, आशा भोंसले, दिलराज कौर, मोहम्मद रफ़ी4:36
4."अरे दिल से दिल मिले"आर॰ डी॰ बर्मन1:37
5."तेरा दिल ओ रे बाबू"आशा भोंसले3:34
6."अभी तो हम हुए जवाँ"किशोर कुमार4:04

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "The Danny Denzongpa interview: 'I follow my heart and I follow my impulse'" (अंग्रेज़ी में). मूल से 14 फ़रवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 मई 2019.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें