बृहज्जातकम्
बृहज्जातकम् या 'वृहत जातक' वराहमिहिर द्वारा रचित पाँच प्रमुख ग्रन्थों में से एक है। उनके द्वारा रचित अन्य ४ ग्रन्थ ये हैं- पंचसिद्धान्तिका, बृहत्संहिता, लघुजातक, और योगयात्रा। इसके साथ ही यह ग्रन्थ हिन्दू ज्योतिष के ५ प्रमुख ग्रन्थों में से एक है, अन्य चार ग्रन्थ ये हैं- कल्याणवर्मा कृत सारावली, वेंकटेश कृत सर्वार्थ चिन्तामणि, वैद्यनाथ कृत जातक पारिजात, मन्त्रेश्वर कृत फलदीपिका।
संरचना संपादित करें
मूल ग्रन्थ संस्कृत में है जिमें २८ अध्यायों में ४०७ श्लोक हैं।
अध्याय संख्या | अध्याय का नाम | विषय सामग्री |
---|---|---|
१ | राशि प्रभेद | मंगलाचरण ; पारिभाषाषिक शब्दावली |
२ | ग्रहयोनि प्रभेद | |
३ | वियोनि जन्माध्याय | पक्षियों, पशुओं और पादपों का जन्म |
४ | निषेका | गर्भाधान, बच्चे का लिंग, जन्म समय का प्रभाव, जुड़वा आदि |
५ | जन्मकाल लक्षण | सामान्य और असामान्य जन्म , नवजात का भाग्य आदि |
६ | अरिष्ट | नवजात/माता/पिता के अकाल मृत्यु के लिये ग्रह स्थितियाँ |
७ | आयुर्दाय | मानव और पशुओं के आयु का निर्धारण |
८ | दशान्तर्दशा | |
९ | अष्टक वर्ग | ग्रहों की स्थिति का आपसी सम्बन्ध और उसका प्रभाव |
१० | कर्माजीव | |
११ | राजयोग | किस ग्रहदशा में राजत्व की प्राप्ति हो सकती है ; कब पतन होगा आदि। |
१२ | नाभस योग | वे योग जो मानव जीवन पर सतत प्रभाव डालते हैं। |
१३ | चन्द्र योगध्याय | अन्य ग्रहों के साथ चन्द्रमा की स्थिति का प्रभाव |
१४ | द्विग्रह योगाध्याय | |
१५ | प्रव्रज्या योग या संन्यास योग | |
१६ | नक्षत्रफलाध्याय | विभिन्न नक्षत्रों में जन्म होने का परिणाम |
१७ | चन्द्रराशिशीलाध्याय | चन्द्रमा का विभिन्न राशियों पर प्रभाव |
१८ | राशिशीलाध्याय | |
१९ | दृष्टि फलाध्याय | |
२० | भावाध्याय | |
२१ | आश्रययोगाध्याय | |
२२ | प्रकीर्णकाध्याय | |
२३ | अनिष्टाध्याय | |
२४ | स्त्री जातकाध्याय | |
२५ | नैर्याणिक अध्याय | |
२६ | नष्टजातक | |
२७ | द्रेष्काणाध्याय | |
२८ | उपसंहाराध्याय |
इन्हें भी देखें संपादित करें
बाहरी कड़ियाँ संपादित करें
- बृहज्जातकम् (संस्कृत विकिस्रोत)
{{Navbox | name = भारतीय ज्योतिष | title = भारतीय ज्योतिष | listclass = hlist | basestyle = background:#FFC569; | image =
|above =
|group1=नक्षत्र
|list1= अश्विनी • भरणी • कृत्तिका • रोहिणी • मृगशिरा • [[आर्द्रा]
इस लेख को व्याकरण, शैली, संसंजन, लहजे अथवा वर्तनी के लिए प्रतिलिपि सम्पादन की आवश्यकता हो सकती है। आप इसे संपादित करके मदद कर सकते हैं। |
• पुनर्वसु • पुष्य • अश्लेषा • मघा • पूर्वाफाल्गुनी • उत्तराफाल्गुनी • हस्त • चित्रा • स्वाती • विशाखा • अनुराधा • ज्येष्ठा • मूल • पूर्वाषाढ़ा • उत्तराषाढा • श्रवण • धनिष्ठा • शतभिषा • पूर्वाभाद्रपद • उत्तराभाद्रपद • रेवती
|group2=राशि |list2= मेष • वृषभ • मिथुन • कर्क • सिंह • कन्या • तुला • वृश्चिक • धनु • मकर • कुम्भ • मीन
|group3=ग्रह |list3= सूर्य • चन्द्रमा • मंगल • बुध • बृहस्पति • शुक्र • शनि • राहु • केतु
|group4=ग्रन्थ |list4= बृहद जातक • भावार्थ रत्नाकर • चमत्कार चिन्तामणि • दशाध्यायी • गर्ग होरा • होरा रत्न • होरा सार • जातक पारिजात • जैमिनी सूत्र • जातकालंकार • जातक भरणम • जातक तत्त्व • लघुपाराशरी • मानसागरी • प्रश्नतंत्र • फलदीपिका • स्कन्द होरा • संकेत निधि • सर्वार्थ चिन्तामणि • ताजिक नीलकण्ठी वृहत पराशर होरा शास्त्र [{ }] मुहूर्त चिंतामणि {{ }}
|group5=अन्य सिद्धांत |list5= आत्मकारक • अयनमास • भाव • चौघड़िया • दशा • द्वादशम • गंडांत • लग्न • नाड़ी • पंचांग • पंजिका • राहुकाल
|group6= और देखिये |list6= फलित ज्योतिष • सिद्धान्त ज्योतिष
| below = ज्योतिष }}