बैद्यनाथ भारत का सबसे पुराना एवं सबसे लोकप्रिय आयुर्वेदिक औषधि निर्माता समूह है। इसका पंजीकृत कार्यालय कोलकाता में है। इस कंपनी के च्यवनप्राश, दशमूलारिष्ट, महानारायण तेल, चंद्रप्रभा वटी, महायोगराज गूगल आदि दवाओं की एक खास विश्वसनीयता है। वैद्यनाथ की खास दवाएँ, कासामृत, बीटा एक्स, कब्जहर तो लोगों की जुबान पर है।

बैद्यनाथ समूह
प्रकार सार्वजनिक
उद्योग
संस्थापक पंडित रामनारायण शर्मा और पण्डित रामदयाल जोशी
मुख्यालय भारत
क्षेत्र पूरे विश्व में
उत्पाद
कर्मचारी 5000 (मार्च 2020)
वेबसाइट baidyanath.net.in

1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के समय वैद्यनाथ ने एक नारा दिया था -

देश की मिट्टी, देश की हवा,
देश का पानी, देश की दवा ॥

बैद्यनाथ अभी पूरी दुनिया में फैला है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका में इस कंपनी के 33 डीलर हैं। वहाँ डैलस में वैद्यनाथ का मुख्यालय है। यह कंपनी यूरोपीय देश इटली, जर्मनीबेल्जियम आदि में भी निर्यात कर रही है।

श्री बैद्यनाथ आयुर्वेद भवन प्रा. लिमिटेड]] की स्थापना वर्ष 1918 पं रामदयाल जोशी ने किया था। इसके बाद उन्होने अपने भाइयों के साथ मिलकर विभिन्न स्थानों पर आयुर्वेदिक दवाओं का भारी मात्रा में उत्पादन आरम्भ कर दिया।

कोलकाता - 1921 ई में
पटना - 1940 में
झाँसी - 1941 में
नागपुर - 1942 में
प्रयागराज- 1958 में

यह कंपनी अभी 700 आयुर्वेदिक उत्पादों का निर्माता बन गई है। इसके पास अत्याधुनिक फैक्टरियाँ हैं और वहाँ पूरी तरह वैज्ञानिक पद्धतियों से काम होता है। दवा की गुणवत्ता ही इस कंपनी की पहचान है। कंपनी के पास भारत सरकार द्वारा स्वीकृत शोध केंद्र है जहाँ योग्य वैज्ञानिकों की टीम है। आयुर्वेद में वैद्यनाथ की विश्वसनीयता का यह पैमाना है कि यहाँ से आयुर्वेद पर छपने वाली पुस्तक आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल की जाती हैं।

इसके आयुर्वेदिक सार संग्रह में आयुर्वेदिक उत्पादों की सारी विधियाँ संकलित हैं। यह भारत सरकार द्वारा स्वीकृत फर्माकोपिया (दवा फॉरमुलेशन का संकलन) का हिस्सा है। पूरे देश में वैद्यनाथ आयुर्वेद के कॉलेज, अस्पताल व डिस्पेंसरियाँ हैं। आयुर्वेद के सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र या पुस्तक लेखन के लिए बैद्यनाथ प्रतिवर्ष २ लाख रूपए का पुरस्कार प्रदान करता है।

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