मण्डूकपर्णी
ब्राह्मी बूटी या मण्डूकपर्णी (वानस्पतिक नाम: Centella asiatica) एक औषधीय वनस्पति है। इसका फैलने वाला छोटा क्षुप होता है जो नमी वाले स्थानों पर होता है। पत्ते कुछ मांसल और छ्त्राकार होते हैं तथा किनारों पर दंतुर होते है। इसके पत्तों का व्यास लगभग आधा ईंच से लेकर एक ईंच तक होता है। उत्तरी भारत में यह लगभग हर जगह पर नमी वाली जगह पर छाया वाली जगह पर मिल जाता है। इसे 'गोटू कोला' भी कहते हैं।
मण्डूकपर्णी | |
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वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | Plantae |
अश्रेणीत: | Angiosperms |
अश्रेणीत: | Eudicots |
अश्रेणीत: | Asterids |
गण: | Apiales |
कुल: | Apiaceae |
उपकुल: | Mackinlayoideae |
वंश: | Centella |
जाति: | C. asiatica |
द्विपद नाम | |
Centella asiatica (L.) Urban | |
पर्यायवाची[1] | |
आयुर्वेद में इसे औषधीय क्षुप माना जाता है। यह वनस्पति मेध्य द्रव्य (मेधा शक्ति बढाने वाला) के रूप में गिना जाता है। पागलपन और मिर्गी की प्रसिद्ध औषधि सारस्वत चूर्ण में इसके स्वरस की भावना दी जाती है।
इन्हें भी देखें संपादित करें
- ब्राह्मी (Bacapa monnieri)
बाहरी कड़ियाँ संपादित करें
सन्दर्भ संपादित करें
- ↑ "Pharmacological Review on Centella asiatica: A Potential Herbal Cure-all". Indian J Pharm Sci: 546–56. September 2010.