महावीरचरित

रामायण के रावण वध से लेकर राम के राजतिलक तक की मुख्य घटनाएं सात अंको में वर्णित है।

महावीरचरितम् भवभूति द्वारा रचित संस्कृत नाटक है जिसमें राम के पूर्वार्ध जीवन का वर्णन है।

[1]उत्तररामचरित महाकवि भवभूति का श्रेष्ठतम नाट्य ग्रंथ है । इस सात अंको के नाटक में महाकवि ने सीता के उत्तर चरित की घटनाओं को आधार बनाकर लिखा है। इस नाटक में अनेक परिवर्तन एवम् परिवर्धन करके दुखांत वस्तु को अंतत: सुखांत बना दिया है। नाट्य की दृष्टि से संस्कृत नाट्यकोष में इसकी प्रसिद्धि कालिदास के अभिज्ञान शाकुंतलम के उपरांत सर्वश्रेष्ठ है। सामान्यतया नाटक वीर अथवा श्रृंगार रस में होते हैं परंतु यह करुण रस का सर्वश्रेष्ठ नाटक इसमें है। संपादित करें

रंजीत कुमार बाराबंकी



  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर