मातृवंश समूह सी
मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह सी या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप C एक मातृवंश समूह है। यह मातृवंश समूह सीज़ॅड की एक उपशाखा है।[1] इस मातृवंश के लोग ज़्यादातर पूर्वोत्तर एशिया (ख़ासकर साइबेरिया) और अमेरिका के आदिवासियों में पाए जाते हैं, लेकिन हाल ही में यह पश्चिमी यूरोप के आइसलैण्ड राष्ट्र में भी पाए गाये हैं।[2][3] साइबेरिया की चुकची जनजाति के ११% लोग मातृवंश समूह सी के वंशज होते हैं।[4] वैज्ञानिकों की मान्यता है के जिस स्त्री के साथ इस मातृवंश की शुरुआत हुई वह आज से लगभग ६०,००० साल पहले मध्य एशिया में कैस्पियन सागर और बेकाल झील के दरमियानी क्षेत्र में कहीं रहती थी।
ध्यान दें के कभी-कभी मातृवंशों और पितृवंशों के नाम मिलते-जुलते होते हैं (जैसे की पितृवंश समूह डी और मातृवंश समूह डी), लेकिन यह केवल एक इत्तेफ़ाक ही है - इनका आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है।
अन्य भाषाओँ में संपादित करें
अंग्रेज़ी में "वंश समूह" को "हैपलोग्रुप" (haplogroup), "पितृवंश समूह" को "वाए क्रोमोज़ोम हैपलोग्रुप" (Y-chromosome haplogroup) और "मातृवंश समूह" को "एम॰टी॰डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप" (mtDNA haplogroup) कहते हैं।
इन्हें भी देखें संपादित करें
सन्दर्भ संपादित करें
- ↑ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
- ↑ "Haplogroup C." मूल से 24 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 अप्रैल 2011.
- ↑ "A new subclade of mtDNA haplogroup C1 found in icelanders: Evidence of pre-columbian contact?". मूल से 7 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 अप्रैल 2011.
- ↑ Massimiliano Aloisi, The origin of humankind: conference proceedings of the international symposium, Venice, 14-15 मई 1998Volume 3 of IVSLA seriesVolume 3 of Veneto Institute of Sciences, Letters and Arts Sciences Series, IOS Press, 2000, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781586030308