मालवी भारत के मालवा क्षेत्र की भाषा है। मालवा भारत भूमि के हृदय-स्थल के रूप में सुविख्यात है। मालवी पर राजस्थानी भाषा का सर्वाधिक प्रभाव है [1]। मालवा क्षेत्र का भू-भाग अत्यन्त विस्तृत है। पूर्व दिशा में बेतवा नदी, उत्तर-पश्चिम में चम्बल और दक्षिण में पुण्य सलिला नर्मदा नदी के बीच का प्रदेश मालवा है। मालवा क्षेत्र मध्यप्रदेश और राजस्थान के लगभग बीस जिलों में विस्तार लिए हुए हैं। इन क्षेत्रों के दो करोड़ से अधिक निवासी मालवी और उसकी विविध उपबोलियों का व्यवहार करते हैं।[2] [3][4] [5] [6][7] [8] [9]

मालवी
बोलने का  स्थान भारत(मध्यप्रदेश का मालवाक्षेत्र)
तिथि / काल 2001
मातृभाषी वक्ता 54 लाख
भाषा परिवार
भाषा कोड
आइएसओ 639-3 mup
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प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा की पुस्तक 'मालवी भाषा और साहित्य' के अनुसार वर्तमान में मालवी भाषा का प्रयोग मध्यप्रदेश के उज्जैन संभाग के आगर मालवा, नीमच, मन्दसौर, रतलाम, उज्जैन, देवास एवं शाजापुर जिलों, इंदौर संभाग के धार, झाबुआ, अलीराजपुर, हरदा और इन्दौर जिलों, भोपाल संभाग के सीहोर, राजगढ़, भोपाल, रायसेन और विदिशा जिलों, ग्वालियर संभाग के गुना जिले, राजस्थान के झालावाड़, प्रतापगढ़, बाँसवाड़ा एवं चित्तौड़गढ़ जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में होता है। मालवी की सहोदरा निमाड़ी भाषा का प्रयोग बड़वानी, खरगोन, खंडवा, हरदा और बुरहानपुर जिलों में होता है। मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में मालवी तथा अन्य निकटवर्ती बोलियों जैसे निमाड़ी, बुंदेली आदि के मिश्रित रूप प्रचलित हैं। इन जिलों में हरदा, होशंगाबाद, बैतूल, छिन्दवाड़ा आदि उल्लेखनीय हैं। बैतूल, छिन्दवाड़ा, वर्धा में भोयर पवार समूह के लोगो द्वारा भोयरी/पवारी बोली जाती है जो की मालवी की एक उपबोली है ।[10] [11] [12]

मालवा समृद्धि एवं सुख से भरपूर क्षेत्र माना जाता है। ‘देश मालवा गहन गंभीर, डग-डग रोटी पग-पग नीर’जैसी उक्ति लोक-जीवन में प्रचलित है। जीवन की यही विशिष्टताएं मालवा के इतिहास, संस्कृति, साहित्य, कला आदि में प्रतिबिम्बित हुई हैं। सातवीं शती में जब व्हेनसांग भारत आया था तो वह मालवा के पर्यावरण और लोकजीवन से गहरे प्रभावित हुआ था। तब उसने दर्ज भी किया,‘इनकी भाषा मनोहर और सुस्पष्ट है।’ [13] [14]

लोककलाओं के रस से मालवांचल सराबोर है। सुदूर अतीत से यहाँ प्रवहमान नदियों, स्थानीय भौगोलिक एवं सांस्कृतिक विविधता के रहते मालवी की अलग-अलग छटाएँ लोकजीवन में दिखाई देती हैं। इन्हीं से मालवी के अलग-अलग क्षेत्रीय रूप या विविध उपबोलियाँ अस्तित्व में आई हैं। एक प्रसिद्ध उक्ति भी इसी तथ्य की ओर संकेत करती है, "बारा कोस पे वाणी बदले, पाँच कोस पे पाणी।" मालवी का केन्द्र उज्जैन, इंदौर, देवास और उसके आसपास का क्षेत्र है। इसी मध्यवर्ती मालवी को आदर्श या केन्द्रीय मालवी कहा जाता है, जो अन्य निकटवर्ती बोलियों के प्रभाव से प्रायः अछूती है। आगर मालवा जिला तो प्रसिद्ध ही मालवा उपनाम से है क्योंकि जानकारों के अनुसार बहुत ज्यादा हद तक केंद्रीय या आदर्श मालवी इस जिले में ही बोली जाती है। प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा के अनुसार केन्द्रीय या आदर्श मालवी के अलावा मालवी के कई उपभेद या उपबोलियाँ भी अपनी विशिष्ट पहचान रखती हैं। मालवी के प्रमुख उपबोली रूप हैं- [15] [16] [17]

  • केन्द्रीय या आदर्श मालवी
  • हाड़ौती मिश्रित मालवी जो राजस्थान के झालावाड़, झालरापाटन और मध्यप्रदेश के सोयत क्षेत्र में बोली जाती है।
  • सोंधवाड़ी
  • रजवाड़ी
  • दशोरी या दशपुरी
  • उमठवाड़ी
  • भीली
  • भोयरी/पावरी [18] [19]

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

  1. साँचा:Https://books.google.co.in/books?id=pp9jAAAAMAAJ&q=Magadh+bhil&dq=Magadh+bhil&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwjOvIfDjbP1AhXgqFYBHVq3A7AQ6AF6BAgMEAM
  2. [https://testbook.com/question-answer/hn/malvi-is-the-language-of-which-of-the--5f789bc647bde40eb31ec474 "[Solved] "मालवी" निम्नलिखित में से किस क्षेत्र की भ�"]. Testbook (लैटिन में). 2020-10-16. अभिगमन तिथि 2024-03-24. |title= में 52 स्थान पर replacement character (मदद)
  3. "Google Books". Google. अभिगमन तिथि 2024-03-24.
  4. "Full text of "Malvi Ek Bhasha Shastriya Adhyayan (1960)"". Internet Archive. 2023-03-25. अभिगमन तिथि 2024-03-24.
  5. "Rajasthan Ka Bhasha Sarvekshan : Griyarson, Dr. Jarj A. : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive". Internet Archive. 2015-09-10. अभिगमन तिथि 2024-03-24.
  6. Parmar, Shri Syam (2015-09-23). "Malavi & Usaka Sahitya : Shri Syam Parmar : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive". Internet Archive. अभिगमन तिथि 2024-03-24.
  7. "Rajasthan Ka Bhasha Sarvekshan : Griyarson, Dr. Jarj A. : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive". Internet Archive. 2015-09-10. अभिगमन तिथि 2024-03-24.
  8. Bhavan, Sahitya (2023-03-25). "Bhasha Vigyan Ke Tattva By Raj Narayan Mourya 1968 Illahabad Sahitya Bhavan : Sahitya Bhavan : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive". Internet Archive. अभिगमन तिथि 2024-03-24.
  9. Mishra, Shiv Sagar (2015-09-23). "Hindi Anusheelan : Shiv Sagar Mishra : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive". Internet Archive. अभिगमन तिथि 2024-03-24.
  10. "मालवी भाषा एवं साहित्य के इतिहास की नई भूमिका". Aksharwarta International Research Journal. 2020-05-12. अभिगमन तिथि 2024-03-24.
  11. "Rajasthan Ka Bhasha Sarvekshan : Griyarson, Dr. Jarj A. : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive". Internet Archive. 2015-09-10. अभिगमन तिथि 2024-03-24.
  12. "Malvi Dictionary मालवी शब्दकोष मालवी सबदकोस : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive". Internet Archive. 2023-03-25. अभिगमन तिथि 2024-03-24.
  13. (PDF) https://ia904701.us.archive.org/22/items/in.ernet.dli.2015.479182/2015.479182.Malvayi-Ek.pdf. अभिगमन तिथि 2024-03-24. गायब अथवा खाली |title= (मदद)
  14. "Full text of "Malvi Ek Bhasha Shastriya Adhyayan (1960)"". Internet Archive. 2023-03-25. अभिगमन तिथि 2024-03-24.
  15. "Full text of "Malvi Ek Bhasha Shastriya Adhyayan (1960)"". Internet Archive. 2023-03-25. अभिगमन तिथि 2024-03-24.
  16. "Malvi Dictionary मालवी शब्दकोष मालवी सबदकोस : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive". Internet Archive. 2023-03-25. अभिगमन तिथि 2024-03-24.
  17. Sampurnanda, Shri (2015-09-16). "Nagripracharini Patrika, Ank-1-8 : Shri Sampurnanda : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive". Internet Archive. अभिगमन तिथि 2024-03-24.
  18. "Full text of "Malvi Ek Bhasha Shastriya Adhyayan (1960)"". Internet Archive. 2023-03-25. अभिगमन तिथि 2024-03-24.
  19. Parmar, Shri Syam (2015-09-23). "Malavi & Usaka Sahitya : Shri Syam Parmar : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive". Internet Archive. अभिगमन तिथि 2024-03-24.