मीर बबर अली अनीस (उर्दू:میر ببر علی انیس) वर्ष १९०३ में उत्तर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद, अवध में जन्मे एक उर्दू शायर थे जिनका वर्ष १८७४ में लखनऊ, उत्तर पश्चिमी प्रान्त में निधन हो गया। अनीस ने फ़ारसी, हिन्दी, अरबी और संस्कृत शब्दों को अपनी शायरी में काम में लिया।[1] अनीस ने दीर्घ मर्सियाँ लिखी जो उस समय में प्रचलित थी लेकिन वर्तमान में धार्मिक समारोहों में भी उनके चयनित भागों का ही उच्चारण किया जाता है। उनका हिज़री सवंत् के १२९१ वें वर्ष में निधन हुआ जो ईसवी संवत् के १८७४ के तुल्य है।[2] डॉ फ़रहत नादिर रिज़वी अपनी पुस्तक "मीर अनीस और क़िस्सागोई का फ़न" में लिखती हैं कि कर्बला के सच्चे ऐतिहासिक घटनाक्रम के वाचक होने के कारण मीर अनीस अपनी कल्पना के भरपूर प्रयोग में पूरे तौर पर स्वतंत्र ना होने के बावजूद अपने मरसियों में एक कुशल कथा वाचक की तरह कथा के सभी आवश्यक तत्वों का भरपूर इस्तेमाल करते हैं और कभी-कभी तो वह एक कुशल कथावाचक की हैसियत से अपने मरसियों को दास्तान व मसनवी से भी उच्च स्तर तक पहुंचाते प्रतीत होते हैं।[3] [4][5][6]

मीर बबर अली अनीस
मीर बबर अली अनीस
जन्म1803
फ़ैज़ाबाद, अवध
मौत7 दिसम्बर 1874 (आयु 71 वर्ष)
लखनऊ, उत्तर-पश्चिमी प्रान्त
दूसरे नामअनीस انیس
पेशाउर्दु शायर
राष्ट्रीयताभारतीय
कालमुगल काल
विधामरसिया, रुबाई
विषयकर्बला का युद्ध
वेबसाइट
www.miranees.com

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "T2F moot eulogises poetry of Mir Anis" (अंग्रेज़ी में). मूल से 25 जुलाई 2014 को पुरालेखित.
  2. "The Master of Marsia​" [मर्सिया का मालिक] (अंग्रेज़ी में). पाकिस्तान वेब. ३ जून २०११. मूल से 12 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 दिसंबर 2017. |title= में 21 स्थान पर zero width space character (मदद)
  3. Mir Anis Aur Qissa Goi Ka Fan (ISBN-13: 978-1977566805 / ISBN-10: 1977566804) by Dr. Farhat Nadir Rizvi. Published by Lucknow Educational And Development Trust, Lucknow
  4. उर्दू दैनिक: कौमी खबरें लखनऊ 9 नवम्बर 2017
  5. "उर्दू दैनिक: कौमी तंजीम लखनऊ 9 नवम्बर 2017". मूल से 13 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 दिसंबर 2017.
  6. साप्ताहिक फैमिली मैग्जीन नवाए वक्त, लाहौर, पाकिस्तान 10-16 दिसंबर 2017 पर्शठ 46 ہفت روزہ فیملی میگزین نوائے وقت