मुंशी घाट उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी पर स्थित एक घाट है।[1] इसका निर्माण वर्ष 1812 में श्रीधर नारायण मुंशी ने कराया था जो नागपुर राज्य के वित्त मंत्री थे। उन्हीं के नाम पर इसका नाम "मुंशी घाट" पड़ा। वर्ष 1915 में दरभंगा (बिहार) के राजा कामेश्वर सिंह गौतम बहादुर ने इस घाट को खरीदा और इसका विस्तार कराया। विस्तार के बाद यह दरभंगा घाट के रूप में भी जाना जाने लगा। घाट के महल, राम जानकी मंदिर, नारायण स्वामी मंदिर, शिव मंदिर आस्था के केंद्र माने जाते है।[2]

मुंशी घाट
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धताहिन्दू धर्म
अवस्थिति जानकारी
देशभारत
मुंशी घाट is located in पृथ्वी
मुंशी घाट
लुआ त्रुटि Module:Location_map में पंक्ति 42 पर: The name of the location map definition to use must be specified। के मानचित्र पर अवस्थिति
भौगोलिक निर्देशांक25°18′20.475″N 83°0′35.68″E / 25.30568750°N 83.0099111°E / 25.30568750; 83.0099111निर्देशांक: 25°18′20.475″N 83°0′35.68″E / 25.30568750°N 83.0099111°E / 25.30568750; 83.0099111

लोकप्रियता और विस्तार संपादित करें

मुंशी घाट का महल चुनार के बलुआ पत्थरों से बना है, जिसमें सुन्दर बरामदे और यूनानी स्तंभ हैं। पौराणिक संदर्भों में भी इस क्षेत्र का महत्व रहा है, लेकिन इसकी प्रसिद्धि अपनी भव्यता और स्थापत्य शैली के कारण है।

1994 में मुंशी महल को क्लार्क्स होटल समूह ने खरीद कर इसे ब्रजरामा पैलेस नाम दिया था और इसे पांच सितारा होटल में बदलने की योजना बनाई थी। इससे इसकी ऐतिहासिक भव्यता प्रभावित हुई है।[3]

चित्र दीर्घा संपादित करें

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "काशी के ठाठ ये गंगा के घाट : जीर्णोद्धार से मिली 'मुंशी' घाट को पहचान". दैनिक जागरण. अभिगमन तिथि 7 अप्रैल 2021.
  2. Proposing Varanasi for the World Heritage List of UNESCO (PDF), Varanasi Development Authority
  3. Singh, Rana P.B., Vrinda Dar and S. Pravin, Rationales for including Varanasi as heritage city in the UNESCO World Heritage List, National Geographic Journal of India (varanasi) 2001, 47:177-200सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)