द सोसाइटी ऑफ़ मुस्लिम ब्रदर्स  (अरबी: جماعة الإخوان المسلمون‎, प्रायः कथित: الإخوان المسلمون, "द मुस्लिम ब्रदरहुड ", अरबी लिप्यांतरण: अल इख़व़ान अल मुस्लिमून, , al-ikhwan al-muslimun)  विश्व का सर्वाधिक प्रभावशाली[1] एवं सबसे बड़े इस्लामी आंदोलनों,[2] में से एक है। यह कई अरब राष्ट्रों में सबसे बड़ा राजनैतिक विरोध संगठन है।[which?] इसकी स्थापना सन १९२८ में एक पैन-इस्लामिक धार्मिक, राजनैतिक एवं सामाजिक आंदोलन के रूप में एक इस्लामिक शास्त्री एवं अध्यापक हसन अल-बन्ना के द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में की गई थी और इसकी अनुमानित सदस्य संख्या २० लाख है।[3]

द मुस्लिम ब्रदरहुड
الإخوان المسلمون/المسلمين
al-ʾIḫwān al-Muslimūn/Muslimīn
IPA: [elʔexˈwæːn elmosleˈmiːn]
नेता मुहम्मद बदी
स्थापना १९२८
इस्माइलिया, मिस्र
मुख्यालय काहिरा, मिस्र
विचारधारा पैन-इस्लामी
मुस्लिम खलीफ़ा
ज़ियोनाई विरोधी
राजनैतिक स्थिति इस्लामी खलीफ़ा
Website
www.ikhwanonline.com
www.ikhwanweb.com

2013 संपादित करें

जुलाई 2013 में मुहम्मद मुर्सी की सरकार के खिलाफ मिस्र की जनता सड़क पर उतर आई थी, जिसके बाद सेना ने उन्हें सत्ता से हटा दिया। मोरसी का समर्थन करने वाले मुस्लिम ब्रदरहुड संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर दिया गया।[4]

2014 संपादित करें

मार्च 2014 को मुस्लिम ब्रदरहुड संगठन के 529 सदस्यों को मिस्र के मिन्या शहर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई। ये पूर्व राष्ट्रपति मुहम्मद मुर्सीके समर्थक थे। इन लोगों पर एक पुलिसवाले की हत्या और आम लोगों पर हमला करने का आरोप था।[4]


सन्दर्भ संपादित करें

  1. The Muslim Brotherhood in flux Archived 2011-11-09 at the वेबैक मशीन 21 नवम्बर 2010 aljazeera
  2. The Moderate Muslim Brotherhood Archived (दिनांक अनुपस्थित) at the स्टैनफोर्ड वेब पुरालेख. Robert S. Leiken & Steven Brooke, Foreign Affairs Magazine
  3. Hallett, Robin. Africa Since 1875. Ann Arbor, Michigan: The University of Michigan Press (1974), pg. 138.
  4. "मोरसी के 529 समर्थकों को मौत की सजा". नवभारत टाईम्स. 25 मार्च 2014. मूल से 28 मार्च 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 मार्च 2014.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें