मुहम्मद क़ुली क़ुतुब शाह

मुहम्मद क़ुली क़ुतुब शाह (1580–1612 CE) (उर्दू: محمد قلی قطب شاہ) गोलकोंडा के क़ुतुब शाही वंश के पांचवें सुल्तान थे। इनहों ने हैदराबाद शहर की नींव रखी और चार मिनारा का भी निर्माण करवाया।[1] वह एक सक्षम प्रशासक थे और उनके शासन को कुतुब शाही राजवंश के उच्च दौर में से एक माना जाता है। वह 1580 में 15 साल की उम्र में सिंहासन पर बैठे और 31 साल तक शासन किया।

मुहम्मद क़ुली क़ुतुब शाह
क़ुतुब शाही वंश के पांचवें सुल्तान
क़ुली क़ुतुब शाह - स्मिथसोनियन इन्स्टिट्यूशन का चित्र
शासनावधि1580–1611
पूर्ववर्तीइब्राहीम क़ुली क़ुतुब शाह
उत्तरवर्तीसुल्तान मुहम्मद क़ुतुब शाह
जन्म1565
गोल्कोंडा, हैदराबाद, मुगल भारत
(अब तेलंगाना राज्य में है।)
निधन11 जनवरी 1612
दौलत खान-ए-अली पैलेस, हैदराबाद (भारत), मुग़ल सल्तनत,
(आज तेलंगाना भारत में है।)
घरानाबनू हाशिम, क़ुतुब शाही
पिताइब्राहीम क़ुली क़ुतुब शाह
क़ुली क़ुतुब शाह की समाधी (मक़बरा), हैदराबाद

जन्म और प्रारंभिक जीवन संपादित करें

मुहम्मद क़ुली क़ुतुब शाह इब्राहीम क़ुली क़ुतुब शाह के तीसरे पुत्र थे। और संपूर्ण रूप से फारसी, तेलुगु और उर्दू के कवी थे। [2] और यह पहले साहब-ए-दीवान उर्दू शायर भी थे। इन की कविताओं में "गज़ल-ए-मुसलसिल" की रीती पाई जाती है। [2] इन की कुल्लियात (कविता कोश) में 1800 पृश्ट है, जिन में आधे गज़ल, १०० पृश्टों पर क़सीदा, बाक़ी ३०० पृश्ट पर मर्शिया और मसनवी थी। [2]

 
चार मीनार हैदराबाद भारत, का निर्माण क़ुली क़ुतुब शाह ने करवाया।

हैदराबाद शहर संपादित करें

हैदराबाद को 1591 में मुसी नदी के दक्षिणी किनारे पर बनाया और स्थापित किया।[3] मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने ईरान के आर्किटेक्ट को शहर बनाने के लिए बुलाया, और बहतरीन प्लान के साथ बनाया। हैदराबाद को हैदर के शहर के रूप में नामित किया गया। राशिदून ख़लीफ़ा में चौथे ख़लीफ़ा अली इब्न अबी तालिब का नाम हैदर भी था, इस नाम से इस शहर का नाम "हैदर आबाद" रखा। मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने भी चारमीनार का निर्माण किया, जो हैदराबाद का सबसे पहचानने वाला प्रतीक है।

साहित्य - पोशक संपादित करें

कुली कुतुब शाह अरबी, फारसी और तेलुगू भाषा के एक विद्वान थे। उन्होंने उर्दू, फारसी, और तेलगु में कविता लिखी उनकी कविता "कुल्लियत-ए-कुली कुतुब शाह" नामक एक खंड में संकलित हुई है। मुहम्मद कुली कुतुब शाह को पहले साहेब-ए-दीवान उर्दू कवि होने का गौरव प्राप्त था [4] और फ़ारसी / उर्दू कविता के प्रचलित शैलियों में एक नई संवेदना शुरू करने का श्रेय दिया जाता है।

पूर्वाधिकारी
इब्राहीम क़ुली क़ुतुब शाह
क़ुतुब शाही वंश
1518–1687
उत्तराधिकारी
सुलतान मुहम्मद क़ुतुब शाह

नोट्स संपादित करें

  1. "Opinion A Hyderabadi conundrum". मूल से 15 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 नवंबर 2018.
  2. Annemarie Schimmel, Classical Urdu Literature from the Beginning to Iqbāl, (Otto Harrassowitz, 1975), 143.
  3. "500 years of Deccan history fading away due to neglect". मूल से 28 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 दिसंबर 2018.
  4. "Quli Qutub Shah remembered on his 400th death anniversary". The Siasat Daily. 14 जनवरी 2012. मूल से 26 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 दिसम्बर 2013.

सन्दर्भ संपादित करें

  • Prime Ministers of Qutubshhs by Sri Bhopal Rao
  • Luther, Narendra. Prince, Poet, Lover, Builder: Muhammad Quli Qutb Shah, The Founder of Hyderabad
  • Books on Muhammad Quli Qutb Shah
  • Chopra, R.M., The Rise, Growth And Decline of Indo-Persian Literature, Iran Culture House, New Delhi, 2012.

बाहरी कडियां संपादित करें