मोसाद

इसराइल की राष्ट्रीय खुफीया अजॅंसी

मोसाद, इज़राइल की खुफिया एजेन्सी है जिसकी स्थापना खुफिया संग्रह , गुप्त आपरेशन, और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए किया गया था।

मोसाद
मोसाद मुहर
मोसाद मुहर

इतिहास संपादित करें

मोसाद इजराइल के जन्म से पहले "हग्गाना" नाम से जाना जाता था मोसाद का जन्म १३ दिसंबर १९४९ में एक केन्द्रीय संस्थान के रूप में हुआ। उस समय के प्रधान मंत्री डेवीड बेन गुरियन एक केंद्रीय समन्वय और मौजूदा सुरक्षा सेवाओं सेना के खुफिया विभाग के बीच सहयोग कर सके। मार्च १९५१ में इसे पुनर्गठित किया गया और प्रधानमंत्री कार्यालय का एक हिस्सा बनाया गया। मोसाद को किलिंग मशीन भी कहा जाता हैं क्योंकि यह इजराइल के खिलाफ कुछ भी करने वाले लोगों को दुनिया के किसी भी कोने से खोज निकालते हैं और एक विषेस संदेश के साथ उन्हें समाप्त करते हैं।

आतंकवाद विरोधी इकाइयाँ संपादित करें

जैसा की हम सभी जानते है कि मोसाद का जन्म आतंकवाद से लड़ने के लिए किया गया था। "कीदोन"के रूप मे यह एक विशेषज्ञ हत्यारों के एक विशिष्ट समूह है जो की कैसरिया शाखा के तहत काम याकोव कात्स् त्द्वारा वर्णित है। इस संगठन के बारे मे ज्यादा जानकारी नहीं है। इसके अधिक्तर जानकारिया गुप्त कर दी गई है। इस मे उन्ही का चुनाव होता हे जो की पहले आइ दी एफ मे काम कर चुके हे। इसके अलावा कुछ और भी आतंकवाद विरोधी इकाइयाँ जैसे कि "यामाम"और "सीरियट मातकाल" हैं जो इजराइल की ख़ास आतंकवाद निरोधक इकाईयां है।

ऑपरेशन "रेथ ऑफ गाड" संपादित करें

यह मोसाद का एक गुप्त ऑपरेशन था जिसका मूल उद्देश्य म्यूनिख हत्याकांड में शामिल सारे लोगो को मार गिराना था। मोसाद के मूल लक्ष्य आतंकवादी समूह काले सितंबर और फिलीस्तीनी मुक्ति संगठन ( पीएलओ ) थे। इजरायल के प्रधानमंत्री गोल्डा मायर द्वारा अधिकृत यह ऑपरेशन २० साल तक चला। इस ऑपरेशन के उपर चल चित्र भी बनाया गया,कुछ प्रमुख चल चित्र के नाम हे "म्यूनिख", "सोवड ऑफ गीदियौन"।

बेल्जियम संपादित करें

मोसाद कनाडा के इंजीनियर की हत्या के लिए दोषी माना जाता है। मोसाद का मानना है कि वह किसी से भी नहीं डरते वह अपने दुश्मनो को ज़रुरत पड़ने पर पाताल से भी खोज लाएगे। उस इंजीनियर को मोसाद ने काफी बेरहमी से मारा था। लेकिन बाद मे यह अफ़वाह भी सुनने को मिली की उसे सीआइए ने मारा था।[उद्धरण चाहिए]

उरुग्वे संपादित करें

मोसाद ने १९६५ में लातवियाई नाजी के सहयोगी ह्र्बट चुकरुस की हत्या की थी।इस खुफिया मिशन में मोसाद का एक जासूस जिसे "एंटोन कुंजुल"(नकली नाम)ने नकली व्यवसाई बन कर ह्र्बट चुकरुस को साथ में व्यापार करने का लालच दिया और अपने साथ चुकरुस को उरुग्वे के एक शहर मोंटे वीडियो ले आया जहां एक खुफिया ठिकाने पर मोसाद के कुछ एजेंटों ने ह्र्बट चुकरुस को मार कर एक बड़े से संदूक में उसकी लाश को डाल दिया था।

इटली संपादित करें

मोसाद ने सन १९८६ में मोरदीची वनुनु नामक एक शक्स को पकड़ने के लिए हनीट्रैप का प्रयोग किया। उनका मूल उद्देश्य मोरदीची को वापस इजरायल लेकर जाना था क्योकि मोरदीची वनुनु ने इसराइल के परमाणु कार्यक्रम का उजागर किया था तब वनुनु को पकड़ने के लिए मोसाद की महिला जासूस जिसे सिंडी(नकली नाम) नाम दिया गया था,ने अपने हनीट्रैप में फसाया था और वनुनु को गिरफ्तार कर वापस इजराइल लाया गया था।

सीरिया संपादित करें

मोसाद के एक जासूस जिसका असली नाम एली कोहेन था,को इसराइल की तरफ से सीरिया जासूसी करने एवं खुफिया राज और वहा की सेना के राज को जानने भेजा गया था।तब एली कोहेन को नकली नाम "कामेल अमीन थाबेत"दिया गया था।कामेल ने पहले अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में सीरियन दूतावास में सीरिया के राजदूतों से अच्छी पहचान बनाई जो उनके सीरिया पहुंचने पर बहुत काम आई।सीरिया में "कामेल अमीन थाबेत" ने अपना फर्नीचर का नकली व्यवसाय बनाया जिसे बनाने में वहा के राजदूतों ने ही मदद की।एली कोहेन को दुनिया भर मे जासूसी मामले में सबसे बेहतरीन जासूसों में से एक माना जाता है।

"यूगांडा में ऑपरेशन थंडरबॉल्ट" संपादित करें

फ्रांस के एक हवाई जहाज को 4 आतंकवादियों द्वारा अपहरण कर लिया गया था जिसमे 106 यहूदी सवार थे। हवाई जहाज को यूगांडा के entebe हवाई अड्डे पर उतारा गया था।तब यूगांडा का तानाशाह ईदी अमीन था जो अंतनकवादियो का समर्थक था।तब मोसाद के विशेस कमांडो फोर्स द्वारा "ऑपरेशन थंडरबॉल्ट" चलाया गया और सभी बंधको को सुरक्षित इजराइल लाया गया।इस ऑपरेशन में "कॉलोनेल योनाथन नेतन्याहू" शहीद हुए थे। "कॉलोनेल योनाथन नेतन्याहू" वर्तमान के इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बड़े भाई थे।इस "ऑपरेशन थंडरबॉल्ट" को दुनिया का सबसे हैरतंगेज ऑपरेशन माना जाता है।

दुबई संपादित करें

दुबई में छुपे महमूद अल मबूह की हत्या।19 जनवरी 2010 को इसी शहर के होटल अल बुस्तान रोताना में एक मर्डर हुआ जिसने इंटरनेशनल मीडिया में सनसनी फैला दिया. क्योंकि दस दिन लग गये थे दुबई पुलिस को ये निश्चित करने में कि ये मर्डर ही है. तब तक यही लग रहा था कि ये नैचुरल डेथ है. मरने वाले आदमी का नाम था महमूद अल मबूह. जो हमास के लिये हथियार की खरीद-बिक्री करता था।फिर पता चला कि अल मबूह के पैर में सक्सिनीकोलीन का इंजेक्शन दिया गया था. जिससे पैरालाइसिस हो जाता है. फिर उसके मुंह पर तकिया रखकर सफोकेट कर दिया गया था।हिट स्क्वॉड ने अल मबूह के कमरे के सामने ही अपना कमरा बुक किया था. जब वो अपने कमरे से बाहर गया तो स्क्वॉड ने इलेक्ट्रॉनिक डोर की सेटिंग चेंज कर दी. और जब वो वापस आया तो मार के निकल गये.सबसे खतरनाक बात थी कि अल मबूह से 21 साल पुराना बदला लिया गया था. अल मबूह फिलिस्तीनी ग्रुप हमास के मिलिट्री विंग का फाउंडर था. 1989 में दो इजराइली सैनिकों को मारने का आरोप था उस पर. अल मबूह को अंदाजा जरूर था कि मरना तो है. पर ये अंदाजा नहीं था कि ऐसी जगह पर मारा जायेगा जो उसके लिये सेफ है और मारने वालों के लिये खतरनाक.इस काम में मोसाद के 33 एजेंट लगे थे. स्क्वॉड का कोड नाम था सीजेरिया. फिलिस्तीन के एक पुराने शहर के नाम पर. जहां पर कुछ यहूदी शहीद हुये थे. एजेंटों ने इंग्लैंड, फ्रांस, आयरलैंड से लेकर सीरिया, अरब का पासपोर्ट बनवा रखा था. ये एजेंट अलग-अलग जगहों से दुबई आये और मार के चलते बने. जब तक दुबई पुलिस ये तय कर पाई कि ये हत्या ही है, ये लोग इजराइल पहुंच चुके थे.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें