युधिष्ठिर

महाकाव्य महाभारत के पात्र

प्राचीन भारतीय महाकाव्य महाभारत के अनुसार युधिष्ठिर पांच पाण्डवों में सबसे बड़े भाई थे। वे यम और कुंती के पुत्र थे।[1] वो भाला चलाने में निपुण थे और वे कभी झूठ नहीं बोलते थे। [2]महाभारत के अंतिम दिन उन्होंने अपने मामा शल्य का वध किया जो कौरवों की तरफ था।[3] इनके भाई क्रमश: कर्ण , भीमसेन , अर्जुन , नकुल और सहदेव थे। इन्होंने अपना शक आरंभ किया था जिसे युधिष्‍ठिर संवत् कहते हैं।[4]

युधिष्ठिर
छत्रपति महाराज
बिरला मंदिर, दिल्ली में एक शैल चित्र
बिरला मंदिर, दिल्ली में एक शैल चित्र
पूर्ववर्तीधृतराष्ट्र
उत्तरवर्तीअभिमन्युपुत्रपरीक्षित (हस्तिनापुर का उत्तराधिकारी) और कर्णपुत्र वृषकेतु (इन्द्रप्रस्थ का उत्तराधिकारी)
जन्महस्तिनापुर
संगिनीद्रौपदी देविका
संतानद्रौपदी से प्रतिविंध्य और देविका से धौधेय
पूरा नाम
धर्मराज युधिष्ठिर
राजवंशपांडव, कुरुवंश
पिताधर्मराज
माताकुंती

इतिहास संपादित करें

इनका राज्याभिषेक काल कलि संवत के ३६ वर्ष पूर्व अर्थात् ईपू ३१३८ है।[5]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 29 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अगस्त 2018.
  2. "महाभारत के वो 10 पात्र जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं!". दैनिक भास्कर. २७ दिसम्बर २०१३. मूल से 28 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 दिसंबर 2013.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 18 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अगस्त 2018.
  4. "The Yudhisthira Saka". Age of Mahabharata War. Pandit Kota Venkatachelam. पपृ॰ 17–22.
  5. Venkatachalam, Pandit Kota. CHRONOLOGY OF ANCIENT HINDU HISTORY (English में). Bharata Charitra Bhaskara. पृ॰ 12. अभिगमन तिथि 2017-10-25. yudhishthira : date of coronation years in Kali era : before kali 36. (3138 BC)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)

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