कैंपिंग एवं ट्रेकिंग की तरह राफ्टिंग भी एक रोमांचकारी गतिविधि है। ऊँची-नीची लहरो से एक छोटी सी नाव में जूझना भी एक अलग तरह का अनुभव है। मनोरंजन के साथ-साथ यह हमें साहसी, एवं जूझारु भी बनाती है। इसके अलावा एक साथ काम करने के कारण आपस में सहयोग की भावना भी बढ़ती है। बड़ी-ड़ी लहरे जब वेग के साथ व्यक्ति की ओर आती हैं, तो कुछ क्षणों के लिए सब कुछ भूल जाता है।

उसे केवल परस्पर सहयोग से इन लहरों को जीतनें की इच्छा होती है। यात्रा पूरी करने पर उस जीत की जो खुशी होती है, उसका वर्णन शब्दों में करना असम्भव ही है।

राफ्टिंग और व्हाइटवाटर राफ्टिंग एक आउटडोर मनोरंजक गतिविधि हैं जिसमे एक हवा वाली बेड़े का उपयोग कर नदी या पानी के अन्य प्रकारों पर नेविगेट करते हैं। यह अक्सर किसी न किसी तरह साफ़ पानी की या फिर उथले पानी के विभिन्न डिग्री पर किया जाता है और आम तौर पर भाग लेने वालों के लिए एक नया और चुनौतीपूर्ण वातावरण का प्रतिनिधित्व करता है। जोखिम से निपटने और टीम वर्क की जरूरत इस अनुभव (राफ्टिंग) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक अवकाश खेल के रूप में इस गतिविधि का विकास के १९७० के मध्य लोकप्रिय हो गया है। यह एक जोखिम भरा खेल के रूप में जाना जाता है एवं यह काफी खतरनाक भी हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय राफ्टिंग संघ, जो आईआरएफ के नाम से दुनिया भर में जाना जाता है एवं जो खेल के सभी पहलुओं की देखरेख करता है।[1]

वाइट वाटर के प्रकार संपादित करें

निमंलिखित ६ स्तर के बाधाओं का सामना वाइट वाटर राफ्टिंग में करना पड़ता है इसके अन्य नामों में इंटरनेशनल स्केल ऑफ़ रिवर दिफ्फिकल्टी भी है ये बहुत खतरनाक से मौत के मुह या फिर गंभीर चोट के बीच में आते है।

  • क्लास १ : बहुत छोटे खुरदुरे क्षेत्र, इनमे कुशलता की जरुरत हो सकती हैं। (कौशल का स्तर: बहुत ही बुनियादी)
  • क्लास २: थोडा उथला पानी, इनमे कुशलता की जरुरत हो सकती हैं।
  • क्लास ३: व्हाइटवॉटर, छोटी तरंगे।
  • क्लास ४: व्हाइटवॉटर, मध्यम तरंगे, कुछ चट्टानें, तीक्ष्ण कुशलता की जरुरत।.
  • क्लास ५: व्हाइटवॉटर, बड़ी तरंगे, बड़ा क्षेत्र, सटीक कुशलता की जरुरत।
  • क्लास ६: काफी खतरनाक एवं इसमें राफ्टर को पर्याप्त व्हाइटवॉटर, बड़ी तरंगे, बड़ी चट्टानों का सामना करना पड़ता है।

व्हाइट वाटर राफ्टिंग डोंगियों या कायाक से काफी अलग है इसमें बहुत ही कुशलता एवं विशेषता की जरुरत होती है ताकि पानी में आनेवाली कठिनाइयों को दूर किया जा सके। इनमे कुछ विशिष्ट तकनीक इस्तेमाल किये जाते हैं, इन तकनीकों के उदाहरण में शामिल हैं।

  • पंचिंग
  • उच्च साइडिंग
  • लो साइडिंग

कैप्सिजिंग संपादित करें

  • डंप ट्रक
  • लेफ्ट ओवर राईट
  • टैको
  • एंड ओवर एंड
  • डाउनस्ट्रीम फ्लिप
  • बैक रोलर

रि राइटिंग संपादित करें

  • फ्लिप लाइन
  • टी रेस्क्यू

सुरक्षा संपादित करें

व्हाइटवॉटर राफ्टिंग क खतरनाक खेल हो सकता है यदि इसमें मुलभुत सुरक्षा तकनीको की अनदेखी की गई हो। हालांकि पेशेवर एवं निजी राफ्टिंग में दुर्घटना काफी कम देखी गई हैं इसकी एक वजह बहुत सारी घटनाओं का रिपोर्टिंग नहीं होना है।[2] इसलिए दुर्घटनाओं की दर काफी कम समजी जाती हैं। अत: यह जरुरी हैं कि राफ्टिंग करने के पहले आप अपने संचालक के साथ सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले ले। हालाकि इस खेल में विशेशागता बड़ी हैं एवं विशिस्ट उपकारों के प्रयोग के चलते दुर्घटना की सम्भावना घटी हैं।[3]

पर्यावरण के मुद्दे संपादित करें

प्रत्येक बाहरी गतिविधियों की तरह राफ्टिंग को भी नदियों के साथ संतुलन बनाये रखना काफी जरुरी हैं ताकि नदिया पर्यावरण का स्रोत बनी रहे। इन्ही मुद्दों के चलते अब कुछ नदियों में राफ्टिंग के लिए अब कड़े नियम बनाये गए हैं जो इनके दैनिक एवं वार्षिक संचालन समय एवं रफ्टरों की संख्या से सम्बंधित है।[4] यद्यपि कई देशों के अर्थव्यवस्था में राफ्टिंग काफी योगदान देता हैं फिर भी पर्यावरण के मुद्दों को अनदेखी नहीं की जा सकती.

इन्हें भी देखें संपादित करें

  • पैक क्राफ्ट
  • लिलोइंग
  • पैड्लिंग
  • बेड़ा गाइड
  • स्विफ्त्वाटर बचाव
  • ट्यूबिंग
  • व्हाइटवॉटर कैनोइंग
  • व्हाइटवॉटर

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "दुनिया भर में राफ्टिंग के बारे में है". इंटरनेशनलराफ्टिंग.कॉम. मूल से 10 जून 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १६ दिसमबर २०१५. |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  2. "व्हाइट वाटर राफ्टिंग और कयाकिंग से संबंधित चोटों की घटना". वेमजर्नल.ऑर्ग. अभिगमन तिथि १६ दिसमबर २०१५. |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  3. "नौकाविहार और राफ्टिंग नियमों और आवश्यकताओं". एनपीएस.गर्व. मूल से 21 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १६ जून २०१६.
  4. "गंगा की तट पर राफ्टिंग शिविरों की 'अनियमित लाइसेंसिंग'का मुद्दा". आउटडोरजर्नल.इन. मूल से 23 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १६ जून २०१५.