डॉ० रामचरण मेहरोत्रा (१९२२-२००४) भारत के एक विश्लेषणात्मक और ऑर्गोमेटेलिक रसायनज्ञ, अकादमिक, शिक्षाविद और दिल्ली और इलाहाबाद विश्वविद्यालयों के कुलपति थे। [1] उन्हें संकेतकों (इन्डिकेटर्स) के रासायनिक सिद्धान्त, अनेकों तत्वों के एल्कोक्साइड और कार्बोक्सिलेट्स पर अपने अध्ययन के लिए जाना जाता था। [2] वह इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी, इंडियन केमिकल सोसाइटी, केमिकल सोसाइटी ऑफ लंदन, रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ केमिस्ट्री, नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंडिया [3] और इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के निर्वाचित फेलो थे। [4] वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भारत सरकार की सर्वोच्च एजेंसी वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद ने उन्हें रसायन विज्ञान में उनके योगदान के लिए 1965 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया, जो सर्वोच्च भारतीय विज्ञान पुरस्कारों में से एक है। [5]

रामचरण मेहरोत्रा
जन्म 16 फ़रवरी 1922
कानपुर, उत्तर प्रदेश, India
मृत्यु 11 जुलाई 2004(2004-07-11) (उम्र 82)
जयपुर, राजस्थान, India
राष्ट्रीयता भारतीय
क्षेत्र
संस्थान
शिक्षा
प्रसिद्धि इन्डिकेटर्स का रासायनिक सिद्धान्त तथा ऑर्गैनोमेटैलिक व्युत्पन्नों का अध्ययन
उल्लेखनीय सम्मान
  • 1949 Allahabad University E. G. Hill Memorial Prize
  • 1965 Shanti Swarup Bhatnagar Prize
  • 1975 FICCI Award
  • 1976 INSA Professor T. R. Seshadri Seventieth Birthday Commemoration Medal
  • 1977 ICS P. C. Ray Award
  • 1984 ISM Golden Jubilee Medal
  • 1986 ICS J. C. Ghosh Medal
  • 1987 Sōka University Academic Achievements Award
  • 1988 ISCA Platinum Jubilee Distinguished Service Award
  • 1990 Central Institute of Hindi Atma Ram Award
  • 1991 ISCA G. P. Chatterjee Award
  • 1992 ISCA Acharya Narendra Dev Award
  • 1993 ISCA Ashutosh Mukherjee Award
  • 1999 CRSI Lifetime Achievement Award
  • 2000 ICS Platinum Jubilee Award

जीवनी संपादित करें

 
इलाहाबाद विश्वविद्यालय - विज्ञान संकाय
 
राजस्थान विश्वविद्यालय

रामचरण मेहरोत्रा का जन्म १६ फरवरी १९२२ को भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता राम भरोसे मेहरोत्रा, एक छोटे कपड़ा व्यापारी थे तथा और उनकी माता चमेली देवी गृहिणी थीं। [6] 10 साल की उम्र से पहले ही उनके माता और पिता का देहान्त हो गया। इसके बाद उन्होने योग्यता छात्रवृत्ति और निजी ट्यूशन जैसी अंशकालिक नौकरियों के सहारे अपनी पढ़ाई जारी रखी। [7] उनकी प्राथमिक शिक्षा नगर स्कूल, कानपुर में हुई और बाद में उन्होंने क्राइस्ट चर्च स्कूल (वर्तमान क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर ) में प्रवेश लिया, जहाँ से उन्होंने राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए इंटरमीडिएट पाठ्यक्रम पास किया। स्नातक अध्ययन के लिए १९३९ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। [8] तीन छात्रवृत्तियों के सहारे उन्होने पढ़ाई पूरी की और वैकल्पिक विषयों के रूप में गणित, भौतिकी और रसायन विज्ञान के साथ बीएससी पास किया। रसायन विज्ञान में एमएससी के लिए इसी विश्वविद्यालय में अध्ययन जारी रखा और उन्होंने 1943 में पहली रैंक के साथ एमएससी उतीर्ण किया। इस अवधि के दौरान, वे 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के सिलसिले में छात्र राजनीति में भी शामिल थे और उन्हें चार महीने तक पढ़ाई से दूर रहना पड़ा था।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Deceased fellow". Indian National Science Academy. 2016. मूल से 9 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 November 2016.
  2. "Brief Profile of the Awardee". Shanti Swarup Bhatnagar Prize. 2016. अभिगमन तिथि 5 October 2016.
  3. "Deceased Honorary Fellows, Foreign Fellows and Fellows". National Academy of Sciences, India. 2016. मूल से 23 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 November 2016.
  4. "Fellow profile". Indian Academy of Sciences. 2016. अभिगमन तिथि 5 November 2016.
  5. "View Bhatnagar Awardees". Shanti Swarup Bhatnagar Prize. 2016. अभिगमन तिथि 5 October 2016.
  6. Europa Publications (2003). The International Who's Who 2004. Psychology Press. पपृ॰ 1120–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-85743-217-6.
  7. "Ram Charan Mehrotra" (PDF). Biography. Indian National Science Academy. 2016. अभिगमन तिथि 7 November 2016.
  8. Amarnath Jha, the then vice chancellor of the university, allotted two additional scholarships to Mehrotra