रेवती (नक्षत्र)
यह एक नक्षत्र है और ३२ तारों का एक समूह है।[1] यह मृदु मॅत्र संज्ञक नक्षत्र है। इस नक्षत्र में विद्या का आरंभ, गृह प्रवेश, विवाह, सम्मान प्राप्ति, देव प्रतिष्ठा, वस्त्र निर्माण इत्यादि कार्य संपन्न किए जाते हैं। इसमें दक्षिण दिशा की यात्रा तथा शव दाह से कार्य नहीं किए जाते। इस नक्षत्र के देवता पूषा हैं। यह मीन राशि का अंतिम नक्षत्र है। इसके स्वामी ग्रहों में बुध हैं।[2] इस नक्षत्र पर गुरू एवं बुध का संयुक्त प्रभाव होता है।
जन्म जिन जातकों क जन्म इस नक्षत्र में होता है वह बुध महादसा में जन्म लेते हैं। तथा तेजस्वी, सुंदर, चतुर, विद्द्वान होते हैं। धन धान्य से युक्त होते हैं।
नामाक्षर दे, दो, च, ची अक्षरों पर चरणानुसार।
रोग इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों को वायु विकार, ज्वर, पीठ दर्द जैसी समस्याएं रहती हैं।
रेवती - भगवाण श्री कृष्ण की भाभी थी
सन्दर्भ संपादित करें
- ↑ रेवती नक्षत्र विशेषताएं Archived 2012-07-15 at the वेबैक मशीन ज्योतिष ब्लॉग: ज्योतिष और जीवन। एस्ट्रोबिक्स। ०१ अप्रैल २०११। अभिगमन तिथि: २६ सितंबर २०१२
- ↑ बुध के नक्षत्र रेवती में जन्मा प्रत्येक क्षेत्र में सफल Archived 2012-05-08 at the वेबैक मशीन:रेवती नक्षत्र। पं॰ अशोक पँवार 'मयंक'। वेबदुनिया-हिन्दी। अभिगमन तिथि: २६ सितंबर २०१२
{{Navbox | name = भारतीय ज्योतिष | title = भारतीय ज्योतिष | listclass = hlist | basestyle = background:#FFC569; | image =
|above =
|group1=नक्षत्र
|list1= अश्विनी • भरणी • कृत्तिका • रोहिणी • मृगशिरा • [[आर्द्रा]
इस लेख को व्याकरण, शैली, संसंजन, लहजे अथवा वर्तनी के लिए प्रतिलिपि सम्पादन की आवश्यकता हो सकती है। आप इसे संपादित करके मदद कर सकते हैं। |
• पुनर्वसु • पुष्य • अश्लेषा • मघा • पूर्वाफाल्गुनी • उत्तराफाल्गुनी • हस्त • चित्रा • स्वाती • विशाखा • अनुराधा • ज्येष्ठा • मूल • पूर्वाषाढ़ा • उत्तराषाढा • श्रवण • धनिष्ठा • शतभिषा • पूर्वाभाद्रपद • उत्तराभाद्रपद • रेवती
|group2=राशि |list2= मेष • वृषभ • मिथुन • कर्क • सिंह • कन्या • तुला • वृश्चिक • धनु • मकर • कुम्भ • मीन
|group3=ग्रह |list3= सूर्य • चन्द्रमा • मंगल • बुध • बृहस्पति • शुक्र • शनि • राहु • केतु
|group4=ग्रन्थ |list4= बृहद जातक • भावार्थ रत्नाकर • चमत्कार चिन्तामणि • दशाध्यायी • गर्ग होरा • होरा रत्न • होरा सार • जातक पारिजात • जैमिनी सूत्र • जातकालंकार • जातक भरणम • जातक तत्त्व • लघुपाराशरी • मानसागरी • प्रश्नतंत्र • फलदीपिका • स्कन्द होरा • संकेत निधि • सर्वार्थ चिन्तामणि • ताजिक नीलकण्ठी वृहत पराशर होरा शास्त्र [{ }] मुहूर्त चिंतामणि {{ }}
|group5=अन्य सिद्धांत |list5= आत्मकारक • अयनमास • भाव • चौघड़िया • दशा • द्वादशम • गंडांत • लग्न • नाड़ी • पंचांग • पंजिका • राहुकाल
|group6= और देखिये |list6= फलित ज्योतिष • सिद्धान्त ज्योतिष
| below = ज्योतिष }}