राबर्ट बर्न्स (Robert Burns ; 25 जनवरी 1759 – 21 जुलाई 1796) स्कॉटलैण्ड का कवि था। अधिकांश लोग उसे स्कॉटलैण्ड का राष्ट्रीय कवि मानते हैं। उसकी रचनाएँ 'स्कॉट्स भाषा' में हैं किन्तु उसने अंग्रेजी और स्कॉट भाषा की एक बोली में भी रचनाएँ की हैं।

रॉबर्ट बर्न्स

परिचय संपादित करें

रॉबर्ट बर्न्स का जन्म २५ जनवरी सन् १७५९ को एल्लोवे नामक स्थान पर हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा बिल्कुल अल्प एवं अनियमित थी, किंतु पुस्तकें पढ़ने में वह बहुत तन्मय रहते थे और १६ वर्ष की अवस्था में ही उस समय प्रचलित ललित शिक्षा के अनेक तत्वों को वह ग्रहण कर चुके थे। उनके ऊपर पड़े प्रारंभिक प्रभावों के अंतर्गत कहानियों, बिरहों और गीतों का नाम लिया जा सकता है। सन् १७८१ में बर्न्स ने अपने भाई के साथ एक छोटे फॉर्म की व्यवस्था की किंतु उसका परिणाम अत्यंत दु:खद सिद्ध हुआ और अपनी असफलता का कटु अनुभव कर अपनी मातृभूमि छोड़ वह जमैका जाने के लिए उद्यत हुए। किंतु यात्रा के लिए उनके पास धन नहीं था, एतदर्थ उन्होंने १७८६ ई. में अपनी कविताओं का प्रसिद्ध और अमूल्य किलमार्नाक संस्करण प्रकाशित कराया जिससे उनकी प्रशंसा बहुत बढ़ गई। दूसरे संस्करण के प्रकाशनार्थ वह एडिनबरा गए जहाँ साहित्यिक केंद्रों के प्रवर विद्वानों ने उनका अभूतपूर्व स्वागत किया। उनके इस दूसरे संस्करण से उन्हें धन की अच्छी प्राप्ति हुई, फलत: उन्होंने एलिसलैंड का फार्म हस्तगत कर लिया, जहाँ वे अपनी पत्नी जीन आर्मर के साथ सन् १७८८ से रहने लगे। सन् १७८९ में उनकी नियुक्ति आबकारी विभाग के कार्यकर्ता के पद पर हुई। किंतु दूसरी बार भी कृषि में असफलता मिलने पर वे हफ्रींज़ चले गए जहाँ उन्होंने अपने आबकारी वेतन पर ही जीवनयापन करने निश्चय किया। उनका वेतन ७० पौंड वार्षिक से अधिक न हो सका। युवावस्था के प्रारंभ में ही वह नारी सौंदर्य के प्रति जागरूक थे। स्वास्थ्य और सौभाग्य में पूर्णत: क्षीण रॉबर्ट बर्न्स का जीवन ३७ वर्ष तक बहुत अस्तव्यस्त रहा। गठिया ज्वर के कारण २१ जुलाई १७९६ को उनकी मृत्यु हो गई।

बर्न्स की काव्यकृतियों में 'टैम औ' शांटर शीर्षक एक कथा, 'दी काटर्स सैटर्डे नाइट' नामक एक वर्णनात्मक बृहद् कविता, दो सौ से अधिक ही अनेक प्रकार के गीत और विपुल संख्या में लिखे उनके छोटे काव्यपत्र, व्यंगात्मक कविताएँ, चुटकुले, शोकगीत तथा अन्य प्रकार के विविध पद्य सम्मिलित हैं। 'टैम औ' शांटर, जैसा बर्न्स ने स्वयं कहा है, उनकी सर्वोत्कृष्ट रचना है। कविता अलंकृत भाव में लिखी हुई अत्यंत सुंदर प्रेमकथा है। यह हास्य और मानवता के तत्वों से ओतप्रोत है। उनकी सबसे लोकप्रिय रचना 'दि काटर्स सैटर्डे नाइट' उनके पिता विलियम बर्न्स का वास्तविक चित्रण प्रस्तुत करती है। किस प्रकार एक सच्चरित्र व्यक्ति अपना गार्हस्थ्य जीवन परम आनंद और प्रतिष्ठा से व्यतीत करता है - यह इस कविता की विषयवस्तु है। इसमें स्कॉटलैंड के कृषकों और उनके जीवन का चित्रण प्रभावोत्पादक हुआ है। उनका सबसे महत्वपूर्ण पत्र 'ऐड्रेस टु दि डेविल' है, जिसमें सैटन का संबंध बंधुत्व तथा मानवता के अविच्छिन्न सौहार्द से है। बायरन के सदृश बर्न्स दो महान रोमांटिक व्यंग्य कवियों में एक है। उनकी सबसे श्रेष्ठ व्यंग्यात्मक कविताएँ 'दि होली फ़ेयर' तथा 'होली विलीज़ प्रेयर' हैं जिनमें प्रथम व्यक्तिगत और सामाजिक व्यंग्य पर आधारित श्रेष्ठ कृति है और दूसरी एक तीक्ष्ण एवं मर्मांतक व्यंग्य कलाकृति है जिसमें धार्मिक पाखंड पर प्रहार किया गया है। 'दि जॉली बेगर्स' उनकी अति नाटकीय एवं कल्पनाप्रधान रचना है जिसमें निरुद्देश्य घुमक्कड़ों का वर्णन है। आर्नल्ड के मतानुसार इस कविता में गंभीरता, सत्य तथा ओज का वह प्रदर्शन है जिसका उदाहरण केवल शेक्सपीयर और अरिस्तोफ़ानिज की कृतियों में ही उपलब्ध हो सकता है।

स्वाभाविक एवं प्रवाहयुक्त गीतकार के रूप में बर्न्स का स्थान स्कॉटलैंड, इंग्लैंड अथवा यूरोप में अद्वितीय है। उनका 'ए मैंस ए मैन फ़ार ए दैट' मानवता का गान है। इसमें स्वतंत्रता, समानता तथा बंधुत्व की विप्लवात्मक पुकार है।

बर्न्स के अधिकांश पत्र कभी कभी समयानुसार भाषा की कृत्रिमता को प्रदर्शित करते हुए भी ओजपूर्ण एवं गठित हैं और प्रारंभ से लेकर अंत तक सौष्ठव तथा मानवीय तत्वों के अनूठे गुणों से परिपूर्ण हैं।