लगध ऋषि वैदिक ज्योतिषशास्त्र के प्रसिद्ध ग्रन्थ वेदांग ज्योतिष के प्रणेता हैं। इनका काल ५०० ईसापूर्व माना जाता है। इस ग्रन्थ का उपयोग करके वैदिक यज्ञों के अनुष्ठान का समय निश्चित किया जाता था। इसे भारत में गणितीय खगोलशास्त्र पर आद्य ग्रन्थ माना जाता है। लगध ऋषि का एक प्रमुख नवोन्मेष तिथि (महीने का १/३०) का एक मानक समय मात्रक के रूप में का प्रयोग है। इन्होंने ऋग्वेद से सम्बन्धित आर्य ज्योतिष तथा यजुर्वेद से सम्बन्धित यजुष ज्योतिष की भी रचना की।

लगध

मानचित्र पृथ्वी के भूमि क्षेत्रों को दिखा रहा है, हरे और पीले रंग के रंगों में।
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सन्दर्भ संपादित करें

  • T. S. Kuppanna Sastry, Vedanga Jyotisa of Lagadha. Indian National Science Academy, New Delhi, 1985.


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