लघु-ऋण क्या है ? संपादित करें

लघु-ऋण बहुत छोटे ऋण को कहा जाता है। यह आम तौर पर बिना किसी वस्तु को गिरवी रखे दिया जाता है। १ लाख या उससे कम के ऋण को भारत में लघु-ऋण कहा जाता है। सामान्यतः इसे लेने के लिए आपके पास कमाई का साधन होना चाहिए जैसे की कोई नौकरी या कोई व्यवसाय। आजकल बहुत से बैंक और ऋण संस्थान आपको मोबाइल के जरिये ही १ लाख तक का ऋण आसानी से दे देते हैं।

किस आधार पर मिलता है लघु-ऋण संपादित करें

आजकल पूरी दुनिया इन्टरनेट के जरिये चलने लगी है। अब बहुत ऐसे साधन हैं जो कुछ ही समय में आपको घर बैठे लघु-ऋण दे देते हैं। इसके लिए वो सिर्फ दो विषयों का ध्यान रखते हैं।

१- कमाई का साधन

२- क्रेडिट योग्यता[1]

कमाई के साधन के लिए वो देखते हैं की आप नौकरी करते हैं या आपका व्यवसाय है। आपका जो भी कमाई का साधन होता है वो उसका प्रमाण लेते हैं। कमाई का साधन यह प्रदर्शित करता है की आप ऋण वापस करने में सक्षम हैं ।

क्रेडिट योग्यता भारत में सामान्यतः सिबिल अंक से देखी जाती है। यह अंक आपके पुराने ऋणों का हिसाब-किताब रखता है। यह अंक ३००-९०० के बीच होता है। यह जितना ज्यादा हो उतना ही अच्छा होता है।[2] ७४० के ऊपर का सिबिल अंक अच्छा माना जाता है और आप आसानी से ऋण पा सकते हैं। यदि आपका सिबिल अंक अच्छा नहीं है तो आप पहले आप अपना सिबिल अंक अच्छा करें तभी आप ऋण आसानी से पा पाएंगे।[3]

यदि आपने इन विषयों पर ध्यान दिया तो आप आसानी से घर बैठें लघु-ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं। और तो और आप आसानी से कम समय में ही अपना लघु-ऋण अपने बैंक खाते में पा सकते हैं।

  1. "What is CIBIL Score - CIBIL Meaning and Functioning - Bajaj Finserv". www.bajajfinserv.in (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-10-06.
  2. "अक्सर पूछे जानेवाले प्रश्न- अपना क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट समझिए". www.cibil.com. अभिगमन तिथि 2023-10-06.
  3. "How To Increase Cibil Score From 500 To 750? - Crdtlin Capital" (अंग्रेज़ी में). 2023-08-10. अभिगमन तिथि 2023-10-06.