लव स्टोरी

1981 की राजेन्द्र कुमार की फ़िल्म

लव स्टोरी 1981 में बनी हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन और निर्माण राजेन्द्र कुमार द्वारा किया गया और मुख्य कलाकार उनके पुत्र कुमार गौरव और विजयता पंडित हैं। दोनों की ये पहली फिल्म थी। फिल्म जारी होने पर सुपरहिट रही थी और इसके गीत भी प्रसिद्धि पाए थे। इस फिल्म को हिन्दी फिल्मों की पथ जनक माना जाता है।[1]

लव स्टोरी

लव स्टोरी का पोस्टर
निर्देशक राजेन्द्र कुमार
निर्माता राजेन्द्र कुमार
अभिनेता कुमार गौरव,
विजयता पंडित
राजेन्द्र कुमार,
डैनी डेन्जोंगपा
संगीतकार राहुल देव बर्मन
प्रदर्शन तिथियाँ
27 फरवरी, 1981
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

विजय मेहरा (राजेन्द्र कुमार) अमीर निर्माता है और सुमन (विद्या सिन्हा) से प्यार करता है, जो भी विजय से प्यार करती है। जबकि राम डोगरा (डैनी डेन्जोंगपा) एक सिविल इंजीनियर है जो सुमन से प्यार करता है। राम और सुमन कॉलेज में दोस्त थे। लेकिन विजय सुमन को छोड़ देता है क्योंकि वह राम और सुमन की दोस्ती से ईर्ष्या महसूस करता है और एक और लड़की से शादी कर लेता है। सुमन राम से शादी कर लेती है, लेकिन विजय की पत्नी एक बेटे बंटी को जन्म देने के बाद मर जाती है, जबकि सुमन और राम एक बच्ची पिंकी के माँ-बाप बनते हैं।

सालों बाद, बंटी (कुमार गौरव) और पिंकी (विजयता पंडित) अजनबियों के रूप में मिलते हैं। विजय चाहता है कि बंटी उनके जैसा ही बिल्डर बनें, लेकिन बंटी पायलट बनना चाहता है। इस कारण से, बंटी घर छोड़ देता है और पिंकी भी घर छोड़ देती है क्योंकि उसके पिता चाहते हैं कि वह शादी कर ले। बंटी और पिंकी फिर से मिलते हैं, लेकिन हवलदार शेर सिंह (अमजद ख़ान), जिन्हें लापता लड़का और लड़की ढूंढने का काम सौंपा गया है उन्हें हथकड़ी लगा देता है। वो वहाँ से भाग जाते हैं और कुछ अच्छी और बुरी परिस्थितियों के बाद दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगते हैं। वे कहीं अज्ञात जगह जाते हैं और एक छोटी कुटीर का निर्माण करके खुशी से रहते हैं।

लेकिन, कुछ समय बाद राम आता है और जबरन पिंकी को ले जाता है। अब विजय अपने बेटे के प्यार को स्वीकार करने के लिए तैयार होता है, लेकिन राम अपनी बेटी की उसकी इच्छाओं के विरुद्ध शादी करने की योजना बना रहा होता है। बंटी और पिंकी फिर से घर से भाग जाते हैं, लेकिन लुटेरों का एक समूह उनका पीछा करता है। अचानक विजय और राम अपने बच्चों को बचाने के लिए आते हैं और बंटी, राम के जीवन को बचाता है। राम को अपनी गलतियों का एहसास होता है और अंत में बंटी और पिंकी शादी कर लेते हैं।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी गीत आनन्द बक्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत राहुल देव बर्मन द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."देखों मैंने देखा एक सपना"अमित कुमार, लता मंगेश्कर4:17
2."क्या गजब करते हो जी"आशा भोंसले3:25
3."तेरी याद आ रही है"अमित कुमार5:35
4."ये लड़की जरा सी दीवानी"अमित कुमार, आशा भोंसले5:12
5."कैसा तेरा प्यार"अमित कुमार, लता मंगेश्कर5:06
6."तेरी याद आ रही है" (II)अमित कुमार, लता मंगेश्कर5:36

नामांकन और पुरस्कार संपादित करें

वर्ष नामित कार्य पुरस्कार परिणाम
1982 अमित कुमार ("तेरी याद आ रही है") फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार जीत
आनन्द बक्शी ("तेरी याद आ रही है") फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार नामित
राहुल देव बर्मन फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार नामित
अमजद ख़ान फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार नामित

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "दरअसल: 'धड़क' में 'सैराट' की धड़कन". दैनिक जागरण. 21 जुलाई 2018. मूल से 14 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 अगस्त 2018.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें