वागडी भाषा

भील भाषाओं में से एक

वागड़ी Bhil भाषाओं में से एक हैं, यह मुख्य रूप से डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिलों में बोली जाने वाली दक्षिणी राजस्थान की भाषा हैं. साथ ही यह उदयपुर एवं प्रतापगढ़ के भी कुछ स्थानों में बोली जाती हैं यहां मुख्यतः भील जनजाति निवास करती है, यहां की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित गेर नृत्य होली पर किया जाता है जो की पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है यह पैरो में गुंगरु हाथ मे लकड़ी या तलवार से खेला जाता है यह नृत्य पुरुष करते है महिलाये फाग के गीत गाती है साथ ही माही नदी के आस पास का क्षेत्र होने के कारण पानी की प्रचुरता है तथा यह राणा पुंजा जो आदिवासी सरदार थे जिन्होंने महाराणा प्रताप के साथ मिलकर भील सेना का नेतृत्व हल्दी घाटी युद्ध किया था तथा यहां पर सरगड़ा जाती है जो की तीर कमान बनाती है इसके लिए डूंगरपुर जिले का साबला ब्लॉक का बोडिगाम छोटा गांव और बांसवाड़ा का चंदूजी का गड़ा प्रमुख है साथ ही डूंगरपुर ने स्वच्छता के मामले में कई कीर्तिमान स्थापित किये है

Wagdi
Bhilodi
बोलने का  स्थान India
तिथि / काल 2001 census
क्षेत्र Vagad region, Rajasthan
समुदाय Bhil
मातृभाषी वक्ता 2.5 million
भाषा परिवार
भाषा कोड
आइएसओ 639-3 wbr
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लिखने में यह हिंदी/देवनागरी पर आधारित हैं

इस भाषा की कई बोलियाँ प्रमुख हैं: आसपुर, खेरवाडा, सागवाडा,गलियाकोट,नादिया, और आदिवासी वागड़ी.

व्याकरण संपादित करें

संज्ञाओं संपादित करें

  • दो वचन: एकवचन और बहुवचन.
  • दो लिंग: पुरुष और स्त्री.

क्रिया संपादित करें

  • तीन काल, चार विभाग में है.

Sahi he

सूत्र संपादित करें