विष्णु के अवतार वामन का यह मंदिर ब्रह्मा मंदिर के उत्तर पूर्व में अवस्थित है।

स्थापत्य संपादित करें

इसकी लंबाई ६२' और चौड़ाई ४५' है। यह मंदिर अपेक्षाकृत अधिक ऊँचे अधिष्ठान पर निर्मित हैं। इसके तलच्छंद के अंतः भागों की सामान्य योजना और निर्माणशैली देवी जगदंबी मंदिर से मिलती- जुलती है, किंतु इसका भवन दोनों की अपेक्षा अधिक भारी व सुदृढ़ है। गर्भगृह का शिखर समान आकार का है, किंतु इसकी मंजरी प्रतिकृतियों का अभाव है। निरंतर धारप्रासाद में अर्धमंडप, महामंडप, अंतराल और गर्भगृह हैं। इस मंदिर में मिथुन मूर्तियों का अंकन अत्यंत विरल है। शिखर की छोटी रथिकाओं में ही ये दिखाई देती हैं। मंदिर की जंघा में मूर्तियों की केवल दो पंक्तियाँ ही है।

महत्व संपादित करें

यह मंदिर इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है कि इसके महामंडप के ऊपर सवरण छत हैं और महामंडप के वातायनों के वितान में तोरण शलभंजिकाओं का अलंकरण किया गया है। गर्भगृह में विष्णु के अवतार वामन की लगभग ५' ऊँची एक मूर्ति प्रतिष्ठित है। गर्भगृह के चारों ओर बनी निचली पंक्ति की रथिकाओं में वराह, नृसिंह, वामन आदि अवतार आसीन हैं। ऊपरी पंक्ति की रथिकाओं में ब्रह्मणी सहित ब्रह्मा, शिव की कल्याणसुंदर मूर्तियाँ और विष्णु की मूर्ति उल्लेखनीय हैं।

चित्रदीर्घा संपादित करें